अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति बनी रहेंगी प्रो. नईमा खातून, हाईकोर्ट से पक्ष में आया फैसला
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रो. नईमा खातून की नियुक्ति पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय फैसला सुना दिया है। नौ अप्रैल को सुरक्षित रखे गए इस फैसले पर सबकी निगाहें टिकी थीं। याचिकाकर्ता ने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया था। एएमयू समुदाय फैसले का इंतजार कर रहा था। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रो. मुजाहिद बेग प्रकरण में याची हैं।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) कुलपति प्रो. नईमा खातून की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर शनिवार को फैसला आ गया। फैसला उनके पक्ष में आया है, वे कुलपति बनी रहेंगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नौ अप्रैल में फैसला सुरक्षित रखा था। यूनिवर्सिटी बिरादरी की फैसले पर नजर थी। शुक्रवार को पूरे दिन इसी पर चर्चा होती रही कि क्या होगा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोपहर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रो. नईमा खातून की नियुक्ति मामले में दाखिल याचिका पर निर्णय सुनाया। नौ अप्रैल को बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया गया था। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रो. मुजाहिद बेग प्रकरण में याची हैं। उन्होंने कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था।
नियमों का उल्लंघन का है मामला
उनका कहना है कि कार्यवाहक कुलपति प्रो.मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रो. नईमा खातून का कुलपति के रूप में चयन करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। कार्यवाहक कुलपति चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता कर रहे थे और उनकी पत्नी प्रो. नईमा खातून भी पद की दावेदार हैं। कुछ अन्य दावेदारों की याचिकाएं भी इस मामले से संबद्ध (कनेक्ट) कर ली गई हैं। हाईकोर्ट में 23 नवंबर 2023 से मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। भारत सरकार व अन्य इसमें प्रतिवादी हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।