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    मां अगले वर्ष तक बहन का रिश्ता पक्का कर लेंगे... खस्ताहाल सड़क ने ली ऑटोमोबाइल कंपनी के इंजीनियर की जान

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 12:29 PM (IST)

    इंजीनियर आदेश सिंह, जो अपने चचिया ससुर के देहांत पर घर आए थे, ड्यूटी पर वापस लौटते समय सड़क हादसे का शिकार हो गए। वह अपनी बहन की शादी को लेकर चिंतित थे और जल्द छुट्टी लेकर आने की बात कह गए थे। अलीगढ़-पलवल हाईवे पर खस्ताहाल सड़क के कारण कई हादसे हो रहे हैं, जिनमें बीते एक महीने में तीन लोगों की जान जा चुकी है।

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    विलाप करते स्वजन।

    संवाद सूत्र, जागरण लोधा। 'मां अगले वर्ष तक बहन का रिश्ता पक्का कर लेंगे। अभी मैं वापस जा रहा हूं। जल्द ही छुट्टी लेकर आउंगा...'’, यह कहकर इंजीनियर आदेश ड्यूटी करने के लिए मंगलवार को बल्लभगढ़ के लिए रवाना हो गए थे। मगर, घर वालों को क्या पता था कि जो वापस आने की कह गया, वह अब कभी नहीं आएगा।

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    अपने चचिया ससुर के देहांत पर घर आए थे आदेश और, दोबारा छुट्टी लेकर वापस आने की बात कहकर चले गए


    जवां शिकंदरपुर के निवासी आदेश सिंह (उर्फ बौनी) दो भाइयों में छोटे थे। उनके परिवार में उनकी मां शशि देवी, पिता भीकम सिंह, बहन स्वेता, पत्नी शिवानी और एक बेटा दक्ष है। वह बल्लभगढ़ में एक आटोमोबाइल कंपनी में इंजीनियर पद पर कार्य कर रहे थे। एटा जिले के मारहरा में उनकी ससुराल है। चचिया ससुर का देहांत होने की सूचना पर वह बीते शुक्रवार को बल्लभगढ़ से आए थे। क्रियाकर्म में शामिल होने के बाद मंगलवार को वह लौट रहे थे।

    बहन की शादी अगले साल करने की बात करते थे

     

    आदेश के भाई तरुण ने बताया कि उनकी इकलौती बहन की शादी को लेकर बात चल रही है। रिश्ते देखे जा रहे हैं। आदेश की इच्छा थी कि अगले वर्ष तक बहन का रिश्ता कर शादी करेंगे। इसके लिए वह घर में बात भी करते थे बहन के लिए अच्छा रिश्ता मिले, इसके लिए वह संपर्क में आने वाले हर परिवार के बारे में गहनता से विचार करते थे। प्राइवेट नौकरी में ज्यादा छुट्टी नहीं मिल पाती, इसलिए अभी वह वापस जा रहे थे, लेकिन उसने कहा था कि जल्द ही छुट्टी लेकर आएंगे। उसके दुनिया से जाने की खबर ने पूरे परिवार को शोकाकुल कर दिया है।

    बीते एक माह में तीन को निगल चुकी हैं ये सड़क, कई हो चुके हैं घायल

    अलीगढ़-पलवल मार्ग पर चालकों की लापरवाही के साथ-साथ खस्ताहाल सड़क और तेज रफ्तार, बीते एक माह में तीन की जिंदगियां निगल चुकी है। जबकि कई हादसों का शिकार होकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार लोग इसको लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। खेरेश्वर चौराहे से लोधा तक करीब आठ किलोमीटर की इस दूरी में सड़क का निर्माण और मार्ग पर गड्ढे हैं, लेकिन वाहन चालकाें को सावधान करते सांकेतिक बोर्ड कहीं भी नहीं लगे हैं। इन हादसों की वजह यह लापरवाही भी बतायी जा रही है।


    अलीगढ़-पलवल हाईवे पर कई जगह गड्ढे होने से कई बार हो चुके हैं हादसे


    इसी मार्ग पर निर्माण कार्य की वजह से वन-वे है और खराब सड़क की वजह से बीते 18 अक्टूबर को करसुआ के पास, एएमयू के छात्र हफीज उर्रहमान (इस नाम को जांचें) की मृत्यु बाइकों की भिड़ंत में हो गई थी। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं जागे। फिर इसी मार्ग पर ट्रांसपोर्ट नगर के पास बीते 21 अक्टूबर को बाइक से जा रहे देहलीगेट के नगला महताब निवासी किशन चालक की लापरवाही से ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आ गए। इस हादसे में उनकी मृत्यु हो गई।

    बीते आठ नवंबर की सुबह बाइक व जुगाड़ में आमने सामने टक्कर हो गई। इसमें करसुआ निवासी महीपाल सिंह की मृत्यु हो गई। वहीं एक घायल हो गया। उसके बाद बीते गुरुवार को ल्होसरा में दो बाइकों की भिड़ंत हुई। इसमें कर्मयोगी राजेंद्र घायल हो गए। वहीं बीते शुक्रवार को अटलपुर निवासी कैलाश लोधा जा रहे थे और इस सड़क पर कैंटर की चपेट में आकर घायल हो गए।


    यहां से गुजरना है खतरनाक

    इस मार्ग पर सड़क का बुरा हाल है। खेरेश्वर से लोधा तक जाने वाले मार्ग पर छोटे-छोटे गड्ढे हैं। मुख्य चौराहा खेरेश्वर पर वर्षों से बना गड्ढा कई बार खाना पूर्ति कर भरवाया गया है। इस लापरवाही की वजह से कुछ ही दिनों बाद फिर गड्ढे नजर आने लगते हैं। हरिदासपुर कट पर सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है और इसमें गड्ढा हो गया है

    लोधा बार्डर गैस प्लांट करसुआ से शहर को आने वाले मार्ग पर सिर्फ एक ही साइड चालू है। दूसरी साइड पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। यह सिंगल रोड शहर की तरफ आ रहा है और पूरी तरह से टूट चुका है, वन-वे व सड़क खराब होने से यहां अक्सर हादसे होते हैं।


    ''रोजाना हादसे होते हैं। सड़क खराब है। वनवे के चलते खतरा बढ़ जाता है। एक साइड खोदाई करने से पूर्व दूसरी तरफ के सड़क को ठीक कराना चाहिए था।'' गोपाल सिंह, जिरोली डोर


    ''वन-वे करने के साथ-साथ सावधान करने के लिए सांकेतिक बोर्ड होने चाहिए। इससे चालक पहले से ही खतरे को समझ सके और सावधानी से मार्ग पर वाहन चलाए।'' बिजेंद्र सिंह, लोधा