आरटीओ से जारी परमिट में नेपाल का रूट जोड़ दौड़ा रहा था बस, चालक व संचालक गिरफ्तार
अलीगढ़ में एक बस संचालक ने आरटीओ के परमिट में नेपाल का रूट जोड़कर फर्जीवाड़ा किया। एसटीएफ ने संचालक को दिल्ली और चालक को लखनऊ से गिरफ्तार किया। उनके पास से कूटरचित परमिट और अन्य दस्तावेज बरामद हुए। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि एंबेसी की लंबी प्रक्रिया से बचने के लिए उसने यह फर्जीवाड़ा किया। वह चाचा-चाची ट्रैवल्स के नाम से एजेंसी चलाता था और अधिक मुनाफे के लिए उसने यह गैरकानूनी काम किया।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। मुनाफे के चक्कर में बस संचालक ने आरटीओ से जारी परमिट में ही खेल कर लिया। उसे जो परमिट जारी हुआ, उसमें उसने नेपाल का रूट भी जोड़ दिया और उसकी पीडीएफ तैयार कर ली। दूसरे देश का रूट होने पर एंबेसी से परमिट जारी होता है।
उसकी यह हरकत जब विभाग को पता चली तो उसके खिलाफ अलीगढ़ के बन्नादेवी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। इस मामले की जांच करते हुए लखनऊ एसटीएफ ने आरोपित संचालक को दिल्ली और उसके चालक को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
अलीगढ़ के एआरटीओ द्वारा बन्नादेवी थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इसमें जांच के लिए परिवहन आयुक्त ने भी पत्र भेजा था। इसके बाद लखनऊ एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षक में जांच शुरू हुई। इसके लिए एक टीम लखनऊ में और दूसरी दिल्ली रवाना की गई।
टीम ने रविवार की देर रात नई दिल्ली के सागरपुर क्षेत्र के बागवानी भवन गेट के पास से वहीं के जनकपुरी निवासी बस संचालक राम प्रसाद को हिरासत में ले लिया गया। नागालैंड के कोहिमा के पीडब्ल्यूडी कालोनी निवासी उसके चालक बाले थापा उर्फ बाल किशन को भारत-नेपाल सोनौली बार्डर की ओर बस लेकर आते वक्त लखनऊ के किसान पथ पर पकड़ा। उनके पास से सात अदद कूटरचित भारत-नेपाल यात्रा परमिट और कूट रचना में प्रयुक्त लेपटाप व मोबाइल फोन आदि बरामद किया गया।
निरीक्षक अंजनी कुमार के अनुसार पूछताछ में राम प्रसाद ने बताया कि वह चाचा-चाची ट्रैवल्स के नाम से टूर एवं ट्रैवेल एजेन्सी चला रहे हैं। बताया कि उन्होंने फरवरी 2024 में कन्नू ट्रैवेल्स से सेकेंड हैंड बस अपनी पत्नी उषा के नाम खरीदी थी। इसका संचालन उनके द्वारा किया जाता है।
बस को ड्राइवर बाले थापा उर्फ बालकिशन चलाता है। फर्जी स्पेशल परमिट के बारे में पूछा तो बताया कि दिल्ली-नेपाल के बीच में काफी संख्या में यात्रियों की बुकिंग मिलती है। लेकिन, परमिट के लिए एम्बेसी या कान्सुलेट से जारी परमिट की प्रक्रिया में काफी औपचारिकताएं और कठोर नियम होने व परमिट जारी होने में अधिक समय लगता है।
इसलिए हम लोग आरटीओ द्वारा जारी परमिट में कूटरचना कर नेपाल रूट को जोड़ कर पीडीएफ तैयार कर लेते हैं। इस फर्जीवाड़े में उन्होंने अपने बेटे मिलन शर्मा उर्फ सरोज और चालक बाले थापा भी शामिल हैं।
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