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    पेंट कारोबारी के अभद्र व्यवहार से नाराज होकर सीनियर एग्‍जीक्‍यूटिव ने ली थी महिला की जान

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Sun, 13 Mar 2022 06:16 PM (IST)

    अलीगढ़ पुलिस पेंट व्‍यवसायी की पत्‍नी के कातिलों को पकड़ने का दावा किया है। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपित विजेेंद्र की फर्म पर आर्डर व चेक के लेन देन के सिलसिले में आता था। उसका कहना है कि मालिक उससे अभद्र व्‍यवहार करता था।

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    पेंट कारोबारी की पत्‍नी की हत्‍या के आरोपित।

    अलीगढ़,जागरण संवाददाता। देहली गेट क्षेत्र के रामनगर कालोनी निवासी पेंट कारोबारी विजेंद्र कुमार की पत्नी सुनीता देवी हत्याकांड का दो लोगों को गिरफ्तार कर पर्दाफाश किया है। पुलिस का दावा है कि कनवरीगंज स्थित फर्म शान्ति एजेंसी के मालिक विजेन्द्र कुमार की फर्म पर मनोज नाम का व्यक्ति काम करता था। काम के सिलसिले में विजेन्द्र की फर्म शांति एजेंसी पर जब भी वह आर्डर व चेक के लेन-देन के लिए आता पेंट स्टोर मालिक पेमेंट देते समय उसके साथ अभद्र व्यवहार करता। इस कारण वह रंजिश मानता था। 

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    नेरोलैक कंपनी में सीनियर एग्‍जीक्‍यूटिव है आरोपित

    एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि बदला लेने के लिए मौहल्ला सिद्धार्थनगर सुरक्षाविहार थाना बन्नादेवी निवासी मनोज कुमार पुत्र राजबहादुर सिंह नेरोलैक कंपनी में सीनियर एग्जीक्यूटिव के पद पर है। नेरोलैक पेंट की मार्केटिंग करता है। उसने अपने साथी कैलाश बाबू पुत्र उदय सिंह निवासी मौहल्ला कोठी लंकराम नई बस्ती थाना बन्नादेवी को साथ लेकर इस घटना को अंजाम दिया। कैलाश  बम्हैटा रेड लाइट पांडव नगर लाल कुआं के पास गाजियाबाद में हाईवे होटल एंड रेस्टोरेन्ट चलाता है। 

    सारी जानकारी रखता था आरोपित

    पुलिस के अनुसार मनोज कभी-कभी उनके घर पर भी जाकर आर्डर व चेक लेने देने आता था। इसलिए उसे घर के सभी लोग जानते थे । मनोज को जानकारी थी कि नेरोलैक कंपनी की तरफ से विजेन्द्र कुमार के परिवार को फ्री ट्रिप टू गोवा की तीन रात और चार दिन की चार टिकटें मिलीं थी । उसे ये भी पता था कि विजेन्द्र कुमार का बडा लड़का व उसकी पत्नी फ्री ट्रिप पर गोवा गए हैं। छोटा लड़का अपने पिता विजेन्द्र कुमार के साथ कनवरीगंज स्थित पेन्ट फर्म शान्ति एजेन्सी पर बैठता है। घर पर विजेन्द्र कुमार की पत्नी सुनीता देवी अकेली होगी इसलिए मनोज अपने साथी कैलाश बाबू को लेकर दिनांक सात मार्च की शाम को विजेन्द्र कुमार के घर पर गया । मनोज घर पर पहले से आता जाता था इसलिए विजेन्द्र कुमार की पत्नी उसे पहचानती थीं। इसलिए वह उन दोनों को अन्दर ले गई ।

    घर में घुसते ही सुनीता का गला दबाया

    अंदर जाते ही मनोज व कैलाश बाबू ने सबक सिखाने के उद्देश्य से रंजिशन सुनीता देवी के गले में रस्सी डालकर उसका गला दबा दिया । गला दबाते समय रस्सी टूट गई थी  सुनीता देवी द्वारा विरोध करने पर मनोज ने अपने पास पहले से लिए चाकू से ताबड़तोड़ सुनीता देवी पर वार किए। जिससे वह लहूलुहान हो गई। जिसको खींचकर दोनों उसे दूसरे कमरे में ले गए। सुनीता देवी को चाकू मारने में दोनों के कपडों व जूतों पर खून लग गया था । फिर दोनों ने कमरे व अलमारी में रखी एक लाइसेंसी पिस्टल व 12 हजार रुपये ले गए। इसी बीच सुनीता देवी के फोन पर उनके छोटे लड़के अनिकेत की काल आयी जिससे वो दोनों घबरा गए और वहां से पिस्टल व रुपया लेकर भाग गए।  और दोनों अभियुक्तगण तेजी से पैदल- पैदल कैलाश बाबू के घर पर पहुंचे। वहां पर दोनों ने खून लगे अपने कपड़े बदले। घटना में प्रयुक्त रस्सी का टुकडा, पिस्टल व रुपयों को बैग में रखकर कैलाश बाबू के घर पर ही रख दिया। पूरी घटना का पर्दाफाश करने से पहले पुलिस ने आसपास के 400 कैमरे भी खंगाले। जिसमें मनोज कैद भी हुआ है।