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    कौन हैं पूजा शकुन पांडेय? बुर्का में फरार और लाल शूट में पहुंची जेल, महामंडलेश्वर बन रची हत्या की साजिश

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 07:59 AM (IST)

    अलीगढ़ में पूजा शकुन पांडेय, जो पीएचडी धारक प्रोफेसर से महामंडलेश्वर बनीं, अभिषेक गुप्ता हत्याकांड में आरोपी हैं। अभिषेक, जो उनके गांव का था, पढ़ाई के लिए उनके घर आया और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं। जब अभिषेक ने नाता तोड़ा, तो पूजा नाराज हो गईं। अभिषेक के पिता ने आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई और बुलडोजर चलाने की मांग की है। पुलिस ने पूजा को गिरफ्तार कर लिया है।

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    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। पीएचडी तक पढ़ाई करने वाली पूजा शकुन पांडेय ने सफर तो एक प्रोफेसर के रूप में किया, लेकिन उसकी अतिमत्वाकांझा उसे ज्यादा दिन शिक्षण कार्य में रोक नहीं पाई। धार्मिक जीवन में प्रवेश के चलते नौकरी छोड़ दी। अखिल भारत हिंदू महासभा से जुड़ महामंडलेश्वर बनकर अन्नापूर्णाा भारती बनीं।

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    पिछले दस साल में पूजा शकुन पांडेय ने कट्टर धार्मिक गुरु के रूप में पहचान बना ली। बीस दास कंपाउंड में धार्मिक गुरुओं का तो आना जाना रहा, राजनेता भी शीश झुकाते थे। अभिषेक गुप्ता हत्याकांड में पूजा शकुन और उसके पति अशोक पांडेय का नाम आया तो सभी अवाक रह गए। भगवा पहने वाली पूजा शकुन को फरार होने के लिए बुर्का का इस्तेमाल किया। गिरफ्तार हुई तो लाल शूट में थी। चेहरा मास्क से झुपाए हुए थी। आंखे भी नीचे झुकी हुईं थीं।

    अभिषेक गुप्ता को परिवार की तरह रखा, उसकी जान लेने का आरोप


    हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव कचौरा की निवासी पूजा शकुन के पिता रामराज गुप्ता कायमगंज और हिसार के डिग्री कालेज में प्रोफेसर रहे। सेवानिवृत्ति के बाद वह नौरंगाबाद में मकान बनाकर रहने लगे। पूजा ने अशोक पांडेय से प्रेम विवाह कर लिया। पूजा ने कुछ समय ज्ञान महाविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में शिक्षण कार्य किया।

    नौकरी छोड़ने के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा से जुड़ गई। 2014 में कोल विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा। इसके बाद अपने को पंचायती अखाड़ा निरंजनी से महामंडलेश्वर का पद हासिल कर लिया। महामंडलेश्वर बनने के बाद तो पूजा शकुन के सितारे चमकते चले गए। घर आलीशान गाड़ियों चलने लगी। एक गाड़ी पर महामंडेलश्वर लिखकर पूजा खुद चलती।

    बी दास कंपाउंड में थी पूजा की धमक, जनप्रतिनिध भी झुकाते थे शीश


    पहली बार पूजा शकुन और अशोक पांडेय 2019 में विवाद से जुड़े। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुतले को 30 जनवरी को ट्वाय पिस्टल से गोली मारी थी। इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ था। पांडेय दंपती के अलावा अभिषेक गुप्ता भी जेल गया था। तब अभिषेक उनके घर पर रहता था। धार्मिक टिप्पणी करने पर 2022 में भी दोनों पर मुकदमा हुआ। इन सबके बीच ही अभिषेक गुप्ता की उनके घर में इंट्री हुई थी। पूजा के गांव का रहने के चलते स्वजन ने उसे पढ़ने के लिए अलीगढ़ भेज दिया। दोनों परिवारों के बीच बहुत ही करीबी संबंध बने। अपने से कम उम्र के अभिषेक गुप्ता से घर पर पढ़ाई-लिखाई के बहाने नजदीक संबंध होते चले गए। अभिषेक पर शादी का दबाव बनाने लगी। इसी के चलते अभिषेक ने उनसे नाता तोड़ लिया। यही बात पूजा शकुन नहीं पचा पाई।


    अभिषेक की लेती थी लोकेशन, करती रहती थी मैसेज

    खैर में अभिषेक ने 21 अगस्त को बाइक शो रूम खोला तो पूजा शकुन और अशोक पांडेय की निगाहें उस पर थी। इसी दौरान अभिषेक से उनकी अनबन हो गई। यही कारण रहा कि 21 अगस्त को अभिषेक ने खैर में बालाजी ऑटो व्हील्स के नाम से टीवीएस की एजेंसी खोली। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती को आमंत्रित किया था, लेकिन वह कार्यक्रम में नहीं पहुंची थीं।

    इसके 10 दिन बाद अभिषेक की एजेंसी के सामने ही राधा ऑटो व्हील्स टीवीएस शोरूम का शुभारंभ पूजा शकुन पांडेय और उनके पति अशोक कुमार पांडेय ने किया था। अभिषेक को फंसाने का भी प्रयास किया। स्वजन का आरोप है कि पूजा शो रूम में पार्टनिशप चाहती थी। अशोक ने उनके घर आना जान बंद कर दिया तो पूजा नाराज हो गई। वह अभिषेक को बार-बार फोन करती थी। अभिषेक ने उसका नंबर भी डिलीट कर दिया था। पुलिस जांच में पता चला है कि एक माह में पूजा ने अभिषेक को 700-800 काल कीं।



    पिता बोले, सवाल पर पूजा बोली आइएम शारी, घर चले बुलडोजर

     

    अभिषेक गुप्ता के पिता नीरज गुप्ता ने बताया कि वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं, लेकिन पूजा सहित सभी के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई हो। इनके घरों पर बुलडोजर लगाया जाए। क्योंकि मेरे परिवार से इनकी दुश्मनी हो गई है। ये लोग जेल से आकर कुछ भी कर सकते हैं। मेरा एक बेटा है। उन्होंने बताया कि पूजा शकुन पांडेय से उनकी महिला थाने पर मुलाकात हुई थी। जब उससे पूछा कि अभिषेक कहां हैं, ऐसा क्यों किया? उनका दावा है कि पूजा इतना ही बोली, आइ एम शारी, मुझे जो करना था कर दिया। उनके गनर ने भी यही सुना। घटना के बाद से नीरज गुप्ता को गनर उपलब्ध कराया गया है।


    अशोक पांडेय कहता था माता

     

    पूजा शकुन दो बच्चों की है। बड़ा बेटा वर्तमान में दसवीं व छोटा आठवीं में पढ़ रहा है। संन्यास ग्रहण करने के कारण बच्चों की देखभाल अशोक पांडेय ने संभाल ली। घर में ही बंगलामुखी माता का मंदिर बनवाया। इसके बाद से खुद पति अशोक सहित, सभी समर्थक, परिचित पूजा को माता कहकर संबोधित करने लगे।

     


    सात वर्ष पूर्व भी आपीएस नीरज जादौन ने किया था पूजा और अशोक को गिरफ्तार

     

    इसे संयोग कहे या कुछ और कि अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय को छह वर्ष पूर्व भी आपीएस नीरज जादौन ने गिरफ्तार किया था। इस बार भी उनके कार्यकाल में वह गिरफ्तार हुई हैं। वर्ष 2019 की जनवरी का वह प्रकरण है। मामला महात्मा गांधी की फोटो पर गोली चलाने का था। इस प्रकरण में हाथ में असलहा लिए पूजा शकुन पांडेय नजर आ रही थी और उनके निशाने पर महात्मा गांधी का फोटो था। इसका वीडियो भी पुलिस के हाथ लगा था। इसमें 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

    वीडियो के आधार पर पुलिस ने आरोपितों को चिह्नित किया था। घटना के अगले ही महीने पूजा शकुन पांडेय और उनके पति अशोक पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया। उस वक्त भी आइपीएस नीरज जादौन के नेतृत्व में टीम ने उनकी गिरफ्तारी की थी। उस वक्त वह एएसपी पद पर जिले में तैनात थे। उसके बाद उनका स्थानांतरण हो गया।

    अब वह फिर इस जिले में ट्रांसफर होकर आए। जिम्मेदारी कप्तान के रूप में है। उनके आए हुए एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि खेरेश्वर चौराहे के पास बाइक शोरूम मालिक की हत्या के मामला सामने आया, जिसमें पूजा शकुन पांडेय और उनके पति का नाम सामने आया। अशोक पांडेय को पुलिस ने दो दिन बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पूजा को घटना के पखवाड़े भर में गिरफ्तार कर लिया गया।