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    दिल्ली−हावड़ा ट्रैक पर 160 KM की स्पीड से फर्राटा भरेंगी ट्रेन! टूंडला व मितावली के बीच दौड़ा इंजन

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 08:13 AM (IST)

    आगामी समय में दिल्ली-हावड़ा रूट पर 160 किमी/घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी। उत्तर मध्य रेलवे ने टूंडला और मितावली के बीच 'कवच' प्रणाली का परीक्षण किया। यह परीक्षण सफल रहा, जिसमें इंजन 160 किमी/घंटा की गति से दौड़ा। दिल्ली-आगरा के बाद यह दूसरा खंड होगा। टूंडला-अलीगढ़ रूट पर भी जल्द ही ट्रायल होगा।

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    प्रस्ततीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। आने वाले समय में दिल्ली−हावड़ा ट्रैक पर 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन फर्राटा भरेंगी। शनिवार को उत्तर मध्य रेलवे पर रेल सुरक्षा और उच्च गति संचालन को बेहतर बनाने की दिशा में लाइट इंजन का उपयोग कर टूंडला और मितावली (मडराक) के बीच कवच लोको परीक्षण हुआ। पहली बार का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। दिल्ली-आगरा के बाद टूंडला और अलीगढ़ के बीच 160 स्पीड का दूसरा रेल खंड होगा। दूसरी बार में टूंडला अलीगढ़ के बीच इंजन और वंदे भारत ट्रेन के कोच के साथ किया जाएगा।

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    दूसरी बार वंदे भारत ट्रेन के कोच के साथ किया जाएगा ट्रायल




    उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि यह परीक्षण मितावली स्टेशन से दोपहर 12.22 बजे शुरू होकर 16.45 बजे समाप्त हुआ। इसमें खंड की अप और डाउन दोनों दिशाएं शामिल थीं। लूप लाइन गति नियंत्रण परीक्षण में पहली लूप लाइन के लिए रूट इंडिकेटर्स के साथ होम सिग्नल को 'ऑफ' कर दिया गया। लोकोमोटिव को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया गया और कवच ने लूप लाइन में प्रवेश करने से पहले बिना किसी मैनुअल ब्रेक या पायलट के हस्तक्षेप के स्वचालित रूप से गति नियंत्रित कर ली। प्रतिबंधित क्षेत्रों में ट्रेन की गति को नियंत्रित करने में कवच की सटीकता की पुष्टि की, जिससे लूप लाइनों में सुचारु प्रवेश किया गया।


    दिल्ली-आगरा के बाद टूंडला और अलीगढ़ के बीच इतनी स्पीड दूसरा रेल खंड होगा

     

    सुरक्षा परीक्षण में होम सिग्नल को 'ऑन' (लाल) स्थिति में रखा गया। लोकोमोटिव को इन सिग्नलों के पास 160 किमी प्रति घंटे की गति से पहुंचने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिससे कवच स्वचालित रूप से सिग्नल पास एट डेंजर स्थिति का पता लगा सकता था और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ट्रेन को सुरक्षित रूप से रोकने के लिए ब्रेक लगा सकता था। टूंडला- अलीगढ़ के बीच अभी कई बार ट्रायल किया जाएगा। रफ्तार और तकनीक क्षमता विकसित होने बाद ही दूसरे फेज का ट्रायल शुरू किया जाएगा।

     



    अलग-अलग चरण में किए जाएंगे ट्रायल

     

    यदि यह ट्रायल सफल हुआ तो नई दिल्ली से टूंडला तक का यह हिस्सा 160 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रेन चलाने की आधिकारिक मंजूरी पाने वाला देश का दूसरा रेल खंड बन जाएगा। टूंडला-अलीगढ़ का ट्रायल पूरा होने बाद टूंडला-गाजियाबाद, अलीगढ़ से गाजियाबाद, टूंडला-कानपुर, कानपुर-प्रयागराज और प्रयागराज-पं. दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) के बीच भी ट्रायल अलग-अलग चरण में किए जाएंगे।