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    सेहत की बात: लंबे समय तक सर्दी-जुकाम रहने से चिपक रहे कान के पर्दे

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 07:35 PM (IST)

    सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। यह मौसम वायरल, सांस व अन्य बीमारियां लेकर ही नहीं आता, बल्कि शरीर को पोषित करने, ताकत बढ़ाने व रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने का सर्वोत्तम समय भी है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली व खानपान में बदलाव कर बीमारियों से बचाव तो होगा ही, तंदुरुस्ती भी बनेगी। क्योंकि, सर्दियों में शरीर की ‘अग्नि’ (पाचन शक्ति) सबसे प्रबल होती है। यानी शरीर खाना अच्छी तरह पचा सकता है। इस मौसम में जो भी पोषक खाद्य वस्तुएं भोजन में शामिल करेंगे, शरीर को लाभ पहुंचाएंगी।

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    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। यह मौसम वायरल, सांस व अन्य बीमारियां लेकर ही नहीं आता, बल्कि शरीर को पोषित करने, ताकत बढ़ाने व रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने का सर्वोत्तम समय भी है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली व खानपान में बदलाव कर बीमारियों से बचाव तो होगा ही, तंदुरुस्ती भी बनेगी। क्योंकि, सर्दियों में शरीर की ‘अग्नि’ (पाचन शक्ति) सबसे प्रबल होती है। यानी शरीर खाना अच्छी तरह पचा सकता है। इस मौसम में जो भी पोषक खाद्य वस्तुएं भोजन में शामिल करेंगे, शरीर को लाभ पहुंचाएंगी।

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     वरुण हास्पिटल की वरिष्ठ आहार रोग विशेषज्ञ डा. रिचा तिवारी ने बताया कि सर्दी के मौसम सबसे ज्यादा बच्चों व 60 से ज्यादा उम्र के लोगों का ध्यान रखना चाहिए। सुबह सूर्योदय के बाद उठें, ताकि ठंडी हवा से बचें। गुनगुने पानी से स्नान करें। पानी में थोड़ा नीम या तुलसी का अर्क मिलाना फायदेमंद है। तिल या सरसों के गुनगुन तेल से रोज मालिश करें। मालिश के दो घंटे बाद स्नान करें, जिससे वह शरीर में सही से शोषित हो जाए। मालिश से रक्त संचार बढ़ता है, त्वचा को नमी मिलती है और सर्दी-जुकाम से बचाव होता है। प्रतिदिन सन बाथ यानी सूर्य स्नान करें। 10–15 मिनट तक धूप में बैठना शरीर को विटामिन डी और गर्मी देता है।

    सर्दी-जुकाम की समस्या आम हो गई है। सर्दी-जुकाम लंबे समय तक बना रहने पर लोग मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा लेते हैं। इनमें दर्द निवारक दवाओं के साथ ही एंटीबायोटिक भी होती हैं। इससे समस्या और बढ़ जाती है। सर्दी-जुकाम ठीक नहीं होने पर चिकित्सक के परामर्श से ही दवा लें। इसके साथ ही योग भी कर सकते हैं। इससे कान के पर्दे को बचाया जा सकता है। -डा. राजीव पचौरी, वरिष्ठ ईएनटी सर्जन