GST Effect: बजट होटल में भी ठहरना भी हुआ महंगा, जीएसटी लगने के बाद अब जेब पर पड़ेगा भारी
प्रयागराज शहर में करीब 300 होटल और 100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस हैं। इनके एक हजार रुपये तक के कमरों पर अब तक कोई कर लागू नहीं था। जीएसटी लागू होने का ...और पढ़ें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आम लोगों पर महंगाई की मार हर तरह से पड़ रही है। खाना तो महंगा हुआ ही, अब कहीं जाने पर होटल में ठहरना भी भारी पड़ेगा। मध्यम वर्ग के बजट फ्रेंडली होटलों का किराया अब बढ़ गया है। एक हजार रुपये के कमरे का किराया बढ़कर 1120 रुपये हो गया है। एक हजार रुपये तक के कमरे के किराये पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने की वजह से ऐसा हो रहा है। इसका भार पर्यटकों की जेब पर तो पड़ेगा ही, बजट क्लास होटल संचालकों के लिए भी यह व्यवस्था सिरदर्द बढ़ाने वाली और बचत को खत्म करने वाली साबित होगी।
प्रतियोगी छात्रों को झेलनी होगी मुसीबत
प्रयागराज शहर में करीब 300 होटल हैं। इनमें लगभग दो दर्जन सितारा होटल शामिल हैं। यहां 100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस भी हैं। इनके एक हजार रुपये तक के कमरों पर अब तक कोई कर लागू नहीं था। जीएसटी लागू होने का भार, ऐसे पर्यटकों व जरूरतमंद लोगों पर पड़ेगा, जो जरूरत पड़ने पर बजट क्लास होटलों में रुकते हैं। इनमें अधिकांश छात्र, मरीजों के साथ आने वाले तीमारदार या किसी काम के सिलसिले में शहर आए लोग शामिल हैं। होटल संचालक वर्ष भर के लिए टूर आपरेटरों से कांट्रेक्ट कर लेते हैं। पर्यटक भी एडवांस बुकिंग कराते हैं। इस वर्ष कांट्रेक्ट और एडवांस बुकिंग हो चुकी थीं। बीच में जीएसटी लागू होने से अब इसमें दिक्कत आएगी।
कमीशन की है मार
पर्यटन कारोबार में 40 से 50 प्रतिशत तक कमीशन रहता है। होटल संचालक को कमरे के किराये के मिले एक हजार रुपये में से 400 से 500 रुपये कमीशन के ही निकल जाएंगे। जीएसटी का रिकार्ड मेंटेन करने को होटल संचालकों को अकाउंटेंट्स रखना होगा, जिससे उनका व्यय बढ़ जाएगा और बचत कम हो जाएगी। इसको लेकर शहर के बजट क्लास होटल मालिकों में काफी रोष है।
बोले जानकार
बजट फ्रेंडली होटलों को जीएसटी के दायरे में लाने का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। वह जो अधिक पैसे नहीं चुका पाने के कारण छोटे होटलों और गेस्ट हाउस में रुकना पसंद करते हैं, उन्हें महंगा पड़ेगा।
वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार, डा. पवन जायसवाल

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