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    Ambedkarnagar News : एसीएमओ की संदिग्ध अवस्था में मौत के साढ़े दस वर्ष बाद खोला गया सरकारी आवास, मिले चलन से बाहर रुपये;चल रहा था फ्रिज

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 06:22 PM (IST)

    Ambedkarnagar News सीएचसी मीरानपुर में बने चार चिकित्साधिकारी के आवासों में भूतल के पश्चिमी आवास में अकेले रहते थे। 29 जनवरी 2014 को डॉ. बीएन तिवारी संदिग्धावस्था में अपने सरकारी आवास में मृत पाए गए थे। सुबह ताला तोड़कर शव निकाला गया और उसी दिन शाम को उस कमरे में विभाग ने ताला लगा दिया था।

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    अंबेडकरनगर :दिवंगत डा. बीएन तिवारी का विगत 10 वर्ष बाद खोला गया बंद आवास

    जागरण संवाददाता, अंबेडकरनगर : सरकारी आवास में वर्ष 2014 में संदिग्धावस्था में मृत अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रहे डॉक्टर ब्रह्मनारायण तिवारी (बीएन तिवारी) का सरकारी आवास साढ़े दस वर्ष बाद खोला गया। इतने लंबे अंतराल के बाद खोला गया आवास काफी जर्जर हो गया है।

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    जिलाधिकारी की अनुमति पर बीते शुक्रवार को टीम ने जब डॉक्टर के आवास की जांच की तो सभी के होश उड़ गए। कमरे ने 22 लाख 48 हजार पांच रुपये कैश बरामद हुआ। धनराशि को जिला कोषागार में सुरक्षित रखा गया है। उनके आवास में फ्रिज चालू स्थिति में मिला। संदिग्ध परिस्थितियों में एसीएमओ की मौत के बाद से कमरा बंद था।

    प्रतापगढ़ के रामगढ़ा के डॉ. बीएन तिवारी 28 अगस्त वर्ष 2007 को स्थानांतरित होकर अंबेडकरनगर के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी पद पर तैनात हुए थे। वह सीएचसी मीरानपुर में बने चार चिकित्साधिकारी के आवासों में भूतल के पश्चिमी आवास में अकेले रहते थे।

    डॉ. बीएन तिवारी 29 जनवरी 2014 को संदिग्धावस्था में अपने सरकारी आवास में मृत पाए गए थे। सुबह ताला तोड़कर शव निकाला गया और उसी दिन शाम को उस कमरे में विभाग ने ताला लगा दिया था। उनका आवास लगभग साढ़े 10 वर्ष तक बंद था।

    इसी बीच आवासों का मरम्मत करने के लिए सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल ने जिलाधिकारी अनुपम शुक्ल से वार्ता कर आवास खुलवाने की अनुमति मांगी। दो सदस्यीय टीम के समक्ष कमरा खुलवाने की सहमति बनी। उक्त टीम में शामिल डिप्टी सीएमओ डॉ. मनोज कुमार एवं डॉ. मारकंडेय प्रसाद ने वीडियो रिकार्डिंग के बीच कमरा खोला गया। सहयोगी के रूप में स्टोर कीपर हरिगोविंद एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पारसनाथ रहे।

    कमरे में घरेलू वस्तुओं के साथ पुराने एक हजार व 500 रुपये से नोटों की गड्डियां बिस्तर के नीचे बिछाई मिली और कुछ अलमारी में भी पाई गईं। इसमें एक हजार रुपये की नोटों की गड्डी में 7,76,000 रुपये तथा 500 रुपये की नोटों की गड्डी में 14,72,500 रुपये संग पांच रुपये का एक सिक्का मिला। उक्त धनराशि को एसबीआइ शाखा अकबरपुर भेजा गया, वहां पर पुराना नोट होने से जमा नहीं हो सका। ऐसे में उक्त धनराशि को कोषागार में जमा कराया गया है। सीएमओ डा.संजय कुमार शैवाल ने बताया कि बरामद सामानों की सूची बनाकर मृतक एसीएमओ के स्वजनों को सूचित कर सौंपा जाएगा।

    पुलिस को कराया अवगत

    दिवंगत एसीएमओ का बंद आवास खोलने से पहले सीएमओ ने पुलिस को अवगत कराते हुए उक्त घटना को लेकर अकबरपुर कोतवाली में केस दर्ज होने की जानकारी मांगने के साथ अवगत कराया था। पुलिस ने कोई सूचना दर्ज होने की पुष्टि किया। डॉ. बीएन तिवारी की मृत्यु के बाद पांच सीएमओ ने कार्यभार संभाला, लेकिन किसी ने उनके आवास को खुलवाने का प्रयास नहीं किया। सीएमओ ने बताया कि उक्त प्रकरण में पुलिस में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है।