AmbedkarNagar News : अंबेडकरनगर में आस्था का प्रमुख केंद्र है शिवबाबा धाम, सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे
ShivBaba Dham In AmbedkarNagar धोती 154 बीघा क्षेत्र में उड़कर सूखने के बाद नीचे गिरी । शर्त के मुताबिक राजा ने भूमि दान की। आहत बाबा ने संबंधित क्षेत्रफल में हल चलाने वाले का सर्वनाश होने संबंधी श्राप देकर यहीं समाधि ले ली। समाधि स्थल पर उगा एक वट वृक्ष आस्था का केंद्र बन गया।

जागरण संवाददाता, अंबेडकरनगर। जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर पश्चिम अयोध्या मार्ग पर स्थित शिवबाबा धाम आस्था का प्रमुख केंद्र है। सावन मास के अलावा प्रत्येक सोमवार-शुक्रवार को यहां मेला लगता है। यहां वंदन योजना एवं पर्यटन योजना के तहत दो करोड़ रुपये के विकास कार्य गतिमान है।
महंत ओमप्रकाश गोस्वामी व ग्रामीणों के मुताबिक गोरखपुर जनपद के सिद्ध शिवप्रसाद तिवारी अपने 10-15 साथियों के साथ वर्ष 1869 में घर से पैदल अयोध्या की तीर्थ यात्रा पर वाया श्रवण धाम निकले थे। शिवबाबा धाम पहुंचते शाम हो गई।
यहां स्थित सरोवर पर उनकी दल विश्राम के लिए ठहरा। तत्समय दुल्लापुर रियासत के राजा ने शिवप्रसाद तिवारी से अपनी धोती हवा में उड़ाकर सुखाने को कहा। उन्होंने धोती की छाया पड़ने वाली भूमि को दान करने की शर्त रखी। उन्होंने सरोवर में स्नान कर धोती सूखने के लिए हवा में उड़ा दिया।
धोती 154 बीघा क्षेत्र में उड़कर सूखने के बाद नीचे गिरी। शर्त के मुताबिक राजा ने भूमि दान की। रियासत द्वारा भूमि को दोबारा वापस लेने को लेकर विवाद शुरू हो गया। इससे आहत बाबा ने संबंधित क्षेत्रफल में हल चलाने वाले का सर्वनाश होने संबंधी श्राप देकर यहीं समाधि ले ली। समाधि स्थल पर उगा एक वट वृक्ष आस्था का केंद्र बन गया। यहीं बगल दूसरे वट वृक्ष के पास भगवान शिव-पार्वती की एक विशाल मूर्ति स्थापित है।
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