Ambedkar Nagar News: डेंगू की दस्तक से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, तेजी से बढ़ रहे हैं मरीज
अंबेडकरनगर जिले में डेंगू तेजी से फैल रहा है पर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी कमजोर है। जाच किट की कमी से मरीजों को परेशानी हो रही है। पिछले साल के अनुभवों से सबक न लेते हुए विभाग अभी भी सक्रिय नहीं है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है और हेल्थ एटीएम भी बेकार पड़े हैं।
संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन विभागीय जांच एवं उपचार की व्यवस्था शिथिल पड़ी हुई है। 26 अगस्त तक कुल 31 डेंगू मरीज पाए गए इसमें 11 मरीज सक्रिय हैं। विभाग का जागरूकता अभियान भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। सीएचसी-पीएचसी पर जांच किट समाप्त हो गई है।
ऐसे में डेंगू की जांच जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज पर जांच निर्भर है। वहीं, गैर जनपदों व प्राइवेट लैब में जांच कराने वालों का आंकड़ा भी स्वास्थ्य महकमा नहीं जुटा पा रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या चिंताजनक बनी है।
गत वर्ष टांडा व जलालपुर तहसील क्षेत्र में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज सामने आए थे। स्वास्थ्य विभाग इस बार भी इन क्षेत्रों में डेंगू के प्रसार को लेकर आशंकित हैं।
बारिश के चलते मच्छर जनित रोगों का प्रसार बढ़ता जा रहा है। सितंबर एवं 15 अक्टूबर तक डेंगू का संक्रमण रहता है। अगस्त माह में ही डेंगू संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद भी विभाग अभी हाथ पर हाथ रखकर संक्रमण में और तेजी की प्रतीक्षा कर रहा है।
सरकारी सहित प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया और बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीएचसी-पीएचसी पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किट नहीं होने से मरीजों को मेडिकल कॉलेज एवं जिला चिकित्सालय में एलाइजा जांच के लिए रेफर किया जा रहा है।
बीते 26 दिन में 31 डेंगू मरीज पाए गए हैं, इसमें 11 मरीज सक्रिय श्रेणी में शामिल हैं। सभी का उपचार मेडिकल कॉलेज सद्दपुर टांडा में हो रहा है।
अभियान संग हेल्थ एटीएम निष्प्रयोज्य
विभागीय लापरवाही, कर्मचारियों की कमी एवं बारिश से संचारी रोग नियंत्रण अभियान शिथिल पड़ गया है। नगरीय एवं ग्रामीणांचल में नालियां व अन्य स्थानों पर जलभराव होने से मच्छरों के लार्वा तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थापित हेल्थ एटीएम में किट एवं इंटरनेट नहीं मिलने से निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं।
डेंगू की जांच के लिए सीएचसी-पीएचसी पर किट पहुंचाया जा रहा है। वहां पर प्रारंभिक जांच होती है। एलाइजा मशीन से जांच के लिए जिला चिकित्सालय व मेडिकल कालेज रेफर किया जाता है। बेड आरक्षित होने के साथ दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। संचारी रोगों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। -गौतम मिश्र, प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी।
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