दिवाली पर गरीबों की रसोई में राशन का होगा संकट, यूपी के इस जिले में 1.90 लाख लोगों ने अभी तक नहीं कराया E-KYC
अंबेडकरनगर जिले में 1.9 लाख राशन कार्ड धारकों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है जिसके चलते उनका राशन रोक दिया गया है। जिले में 18.42 लाख में से 16.53 लाख लाभार्थियों ने केवाईसी करा लिया है। ई-केवाईसी न कराने वाले पात्र गृहस्थी के लाभार्थी प्रभावित होंगे जबकि अंत्योदय कार्ड धारकों पर ज्यादा असर नहीं होगा। तीन महीने तक राशन सुरक्षित रहेगा जिसके बाद नाम कट जाएगा।

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कोटा दुकानों से राशन लेते रहे एक लाख 89 हजार 75 लाभार्थियों ने अनभिज्ञता व पलायन की स्थितियों में अभी तक इलेक्ट्रॉनिक नो-योर कस्टमर (ई-केवाईसी) नहीं कराया है। ऐसे उपभोक्ताओं का बीते सितंबर से राशन रोक दिया गया है। हालांकि, अभी भी वक्त बचा है। तत्काल ई-केवाइसी कराने पर राशन का लाभ मिल जाएगा।
जिलेभर में 18 लाख 42 हजार 661 लाभार्थी पंजीकृत हैं। अभी तक 16 लाख 53 हजार 586 लाभार्थियों ने ई-केवाइसी करा लिया है। लगभग 90 प्रतिशत लाभार्थियों का सत्यापन पूर्ण है, जबकि 10 प्रतिशत लाभार्थियों का सत्यापन होना बाकी है।
पात्र गृहस्थी के लाभार्थी होंगे प्रभावित
ई-केवाईसी नहीं कराने पर राशन पाने से वंचित होने वालों में पात्र गृहस्थी के लाभार्थी प्रभावित होंगे। वजह इनके राशन कार्ड में जुड़े प्रत्येक लाभार्थी का ही ई-केवाइसी होना है, जबकि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अंत्योदय राशनकार्ड धारक लाभार्थियों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इनको प्रत्येक राशनकार्ड पर 35 किलोग्राम राशन मिलता है।इसमें परिवार की संख्या मायने नहीं रखती है। परिवार के किसी व्यक्ति द्वारा बायोमीट्रिक पहचान से राशन लिया जा सकता है।
तीन माह तक होगा इंतजार
ई-केवाइसी नहीं कराने वाले लाभार्थियों को जिलापूर्ति विभाग ने चिह्नित किया है। इनके हिस्से का राशन देने पर फिलहाल रोक दिया गया है। हालांकि तीन महीने तक ई-केवाइसी नहीं कराने वाले लाभार्थियों का राशन उनके लिए सुरक्षित रखा जाएगा। कोटेदार को इनके राशन का आवंटन होता रहेगा। तीन माह में ई-केवाइसी कराने पर पिछला बकाया राशन एकसाथ मिल जाएगा। उक्त अवधि में ई-केवाइसी नहीं करवाने पर राशनकार्ड से इनके नाम विलोपित कर दिए जाएंगे।
अनभिज्ञता एवं पलायन मुख्य वजह
ई-केवाइसी के महत्व से अनभिज्ञ होने एवं रोटी-रोजगार के लिए विभिन्न शहरों में रहने वाले लाभार्थियों द्वारा नहीं कराया गया है। वहीं एक परिवार के लोगों द्वारा ई-केवाइसी नहीं कराने से नाम कट जाने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह अपना अलग से राशनकार्ड बनवा सकें। हालांकि एक परिवार के सदस्यों का एक ही राशन कार्ड में नाम दर्ज होने का नियम है। लिहाजा भविष्य में संयुक्त परिवार में रहने वाले लोगों का अलग राशन कार्ड नहीं बनेगा। वहीं विभागीय नियमों के अनुसार नगरीय आबादी का 64 प्रतिशत तथा ग्रामीण आबादी का 79 प्रतिशत ही राशन कार्ड बनाया जाना है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शासन से निर्धारित राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण है। मृतक तथा अपात्र होने की स्थिति में कटने वाले नाम के स्थान पर ही नए पात्र को लाभार्थी में शामिल करते हैं।
एक वर्ष से चल रहा सत्यापन
पूर्ति विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष से लाभार्थियों की ई-केवाइसी कराई जा रही है। उपभोक्ता के मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजने संग कोटेदार के माध्यम से भी सत्यापन कराने के लिए विभाग लगातार प्रेरित करता रहा है। सबसे खास बात कि देशभर में किसी कोटा दुकान पर पहुंचकर लाभार्थी अपनी बायोमीट्रिक पहचान दिखाते हुए ई-केवाइसी करा सकता है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसी भी अंत्योदय राशनकार्ड धारक का राशन नहीं रोका जाएगा। पात्र गृहस्थी में ई-केवाइसी नहीं कराने वाले लाभार्थियों का पिछले माह से राशन रोक दिया गया है। सत्यापन होते ही इन्हें पिछला राशन भी भुगतान कर दिया जाएगा। सत्यापन कराने के लिए बीते एक वर्ष से विभाग प्रयास कर रहा है।- शिवाकांत पांडेय, जिला पूर्ति अधिकारी
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