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    Ambedkar Nagar News: लाल निशान से ऊपर बह रही घाघरा, कटान से बर्बाद हो रही फसलें

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 05:43 AM (IST)

    राजेसुल्तानपुर में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जिससे मांझा कम्हरिया और आराजी देवारा के ग्रामीणों में बाढ़ और कटान को लेकर चिंता है। किसानों की उपजाऊ भूमि नदी में समाहित हो रही है और फसलें बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों ने कटान रोकने के लिए स्थायी परियोजना बनाने की मांग की है।

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    लाल निशान से ऊपर बह रही घाघरा में कटान से बर्बाद हो रहीं फसलें। जागरण फोटो

    संवाद सूत्र, राजेसुल्तानपुर। घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को नदी का जलस्तर 110 सेंटीमीटर बढ़कर 93.290 सेमी पहुंच गया। देर शाम नदी के जलस्तर में 30 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। नदी लाल निशान 92.730 मीटर से 440 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

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    मांझा कम्हरिया एवं आराजी देवारा के ग्रामीण बाढ़ एवं कटान से काफी चिंतित हैं, इसका सबसे बड़ा प्रभाव धान एवं चारे की फसलों पर पड़ रहा है। आलापुर के मांझा कम्हरिया एवं आराजी देवारा के 13 पुरवे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। नदी का जलस्तर बढ़ने से इन गांवों की आबादी प्रभावित होती है।

    गांव में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। मांझा कम्हरिया के किसानों ने बताया कि कटान भी बढ़ती जा रही है। बड़े पैमाने पर उपजाऊ भूमि नदी में समाहित हो जा रही है। धान व गन्ने की फसलें लगाई गई थी, लेकिन कटान बढ़ने से फसलें बर्बाद हो जा रही है।

    प्रशासन बंबू क्रेट एवं ट्री स्पर लगाकर बाढ़ रोकने का प्रयास कर रहा है, लेकिन वह भी सफल नहीं हो सका। किसानों ने बताया कि कटान रोकने के लिए स्थाई परियोजना बनाकर नदी के किनारे बड़े-बड़े बोल्डर आदि लगाए जाएं तभी कटान की समस्या से निजात मिल सकती है।

    पुल बनने से नदी ने बदली धारा

    किसानों का कहना है कि कम्हरिया घाट पर दो बड़े सेतु निर्माण के बाद नदी की धारा बदल गई है। पानी का तेज बहाव नदी के दक्षिणी सिरे पर स्थित गांवों की उपजाऊ भूमि को अपने आगोश में ले रही है। बताया कि नदी पर सेतु निर्माण से पहले इतना अत्यधिक कटान कभी नहीं होती थी। नदी की धारा बदल दिए जाने से फसलें कटान की भेंट चढ़ रही है।

    बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कटान रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। शुक्रवार की सुबह नदी का जलस्तर 110 सेमी बढ़ गया था, लेकिन देर शाम पानी घटने से नदी का जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। - अंशुल वर्मा, सहायक अभियंता, बाढ़ खंड।

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