21 हजार दीपो से जगमग होगा श्रवण धाम, आतिशबाजी के साथ लोक कलाओं का होगा प्रदर्शन
अंबेडकरनगर में श्रवण धाम 21 हजार दीयों से जगमगाएगा। इस अवसर पर भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा और साथ ही लोक कलाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा। यह आयोजन श्रवण धाम को एक अद्भुत और दर्शनीय स्थल बना देगा, जिससे भक्तों और पर्यटकों को आनंद आएगा।

21 हजार दीपो से जगमग होगा श्रवण धाम।
संवाद सूत्र, भीटी। मातृ-पितृ भक्ति के प्रतीक महात्मा श्रवण की पावन तपोस्थली श्रवण धाम पर पांच नवंबर को देव दीपावली मनाने की रूपरेखा तैयार हो गई है। संगम तट के विभिन्न घाट 21 हजार दीपों से आलोकित होंगे। रात में देश के ख्यातिप्राप्त भजन गायकों और स्थानीय कलाकारों द्वारा माता-पिता की भक्ति, प्रभु श्रीराम और भगवान शिव को समर्पित भजनों की सरस प्रस्तुति दी जाएगी। इससे धाम पर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर करने वाली भक्ति, संगीत और आध्यात्मिकता की त्रिवेणी का प्रवाह होगा।
शाम ढलने पर आसमान को रंगीन बनाने वाली मनमोहक आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाएगा। संस्कार भारती के सहयोग से धाम परिसर में भारतीय संस्कृति और लोक कला को प्रदर्शित करने वाली कलात्मक रंगोलियों का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय संस्कृति पर आधारित विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
आयोजन समिति जिला प्रशासन, संस्कार भारती और श्रवण क्षेत्र महोत्सव न्यास ने क्षेत्रवासियों से इस अवसर पर एक दीपक महात्मा श्रवण कुमार और एक दीपक अपने पूर्वजों के नाम जलाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया है।
आयोजक श्रवण क्षेत्र महोत्सव न्यास अध्यक्ष डॉ. अनुपम पांडेय ने बताया कि विभिन्न घाटों, मंदिरों और पवित्र नदियों के संगम तट को 21 हजार दीपों की स्वर्णिम आभा से धाम को देवलोक जैसा बनाने की योजना है। इससे जिले को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाने में मदद मिलेगी।
घाट होंगे जगमग
धाम के 28 घाटों, राम घाट, जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, लव, कुश, दशरथ, श्रृंगी ऋषि, जनक, हनुमान, विश्वामित्र, तमसा, नर्मदा, गंगा, यमुना, सरयू, सरस्वती, उर्मिला, कौशिल्या, मांडवी, वशिष्ठ, श्रवण समाधि स्थल, श्रवण मंदिर, पाल समाज, यादव समाज, मुराव घाट पर दीप जलाए जाएंगे।
अगहन पूर्णिमा पर होगा वृहद दीपोत्सव
वर्ष 2023 में दीपोत्सव सवा लाख से शुरू हुआ था। गत वर्ष एक लाख 51 हजार दीयों को जलाने की रूपरेखा बनी थी, लेकिन प्रदेश में उपचुनाव आचार संहिता के चलते कार्यक्रम सीमित कर महज 1100 दीयों से दीपोत्सव मनाया गया था, लेकिन अगहन पूर्णिमा पर एक लाख 51 हजार दीयों से धाम जगमग हुआ था। इस बार अगहन पूर्णिमा पर दीयों की संख्या बढ़ाकर दो लाख 51 हजार की गई है।
देव दीपावली पर तमसा के संगम तट पर प्रतीकात्मक 21 हजार दीयों से दीपोत्सव कार्यक्रम किया जाएगा। अगहन पूर्णिमा पर संगम तट की आभा इस बार दो लाख 51 हजार दीयों से दमकेगी। इस बावत सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। -डॉ. अनुपम पांडेय, अध्यक्ष, श्रवण क्षेत्र महोत्सव न्यास।

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