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    सेप्टिक टैंक में मजदूरों की मौत: तीन के शव पहुंचे घर, मचा कोहराम; परिवार ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Wed, 28 May 2025 07:22 PM (IST)

    राजस्थान के जयपुर में एक आभूषण फैक्ट्री के सेप्टिक टैंक में सोना निकालने उतरे तीन मजदूरों की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में बेवाना और सम्मनपुर के मजदूर शामिल थे। कंपनी पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगा है। मृतकों के परिवार में मातम छाया हुआ है।

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    हिमांशु वर्मा (बाएं), संजीव पाल (मध्य), रोहित पाल (दाएं)। जागरण

    संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। राजस्थान प्रांत के जयपुर में आभूषण फैक्ट्री के सेप्टिक टैंक में उतरे तीन मजदूरों की जहरीली गैस के रिसाव से दम घुटने से मौत हो गई। बुधवार को शव गांव पहुंचने पर स्वजन में कोहराम मचा है। दो मजदूर बेवाना और एक सम्मनपुर क्षेत्र का है। मजदूरों की मौत से गांवों में मातमी सन्नाटा पसरा है।

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    बेवाना के कुटियवां गांव युवक संजीव पाल, हिमांशु वर्मा और सम्मनपुर के साई सम्मसपुर गांव का युवक रोहित पाल राजस्थान प्रांत के जयपुर में रोजगार के सिलसिले में गए थे।

    वहां अचल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करने के दौरान गत सोमवार को तीनों मजदूर करीब 10 फीट गहरे सेप्टिक टैंक में सोना निकालने के लिए अन्य मजदूरों के साथ उतरे थे। इस दौरान जहरीली गैस की चपेट में आकर दम घुटने से तीनों मजदूर युवकों की मौत हो गई थी।

    बुधवार को तीनों मजदूरों का शव घरों पर पहुंचा। स्वजन को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हर किसी की आंखें नम हो गई। दोपहर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी में पारा घाट पर का युवक का अंतिम संस्कार किया गया।

    सांई समसपुर का युवक रोहित पाल के स्वजन का आरोप है कि कंपनी ने मजदूरों को अतिरिक्त भुगतान का लालच देकर टैंक में उतारा था। मजदूर पहले मना कर चुके थे। मजदूरों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किया गया था।

    मजदूर के माता-पिता की पूर्व में मौत हो चुकी है। मृतक दो भाइयों में बड़ा था और वहीं परिवार में कमाने का एक मात्र सहारा था। छोटा भाई मोहित पढ़ाई कर रहा है। बड़े भाई की मौत से बहन पूनम और रेनू गमशुदा है।

    टैंक से निकालते हैं सोने के कण

    कारीगर गहने बनाते हैं तो कटिंग, सेटिंग और निर्माण के दौरान सोने-चांदी के कण निकलकर गिरते हैं। कार्यस्थल के कचरे को बाहर नहीं फेंकते।

    फैक्ट्रियों में आभूषण बनाने के दौरान रसायन युक्त पानी जो सेप्टिक टैंक में जाता है। उसमें कचरे के साथ सोने-चांदी के कण मिले होते हैं, जो टैंक में जमा होता है। इसे बाद में निकालकर सोना-चांदी अलग किया जाता है। सोमवार को भी इसी के लिए मजदूरों को उतारा गया था।