अमेठी में सेवरा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में दिन-रात लटका रहता है ताला, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
अमेठी के सेवरा में आयुष्मान आरोग्य मंदिर में ताला लगा रहने से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। मंदिर के खुलने का समय तय नहीं होने से स्थानीय लोगों क ...और पढ़ें

सेवरा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में दिनरात लटका रहता है ताला।
संवादसूत्र, बाजारशुकुल (अमेठी)। सेवरा ग्राम पंचायत में लाखों की लागत से बना आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर्मचारियों की मनमानी के चलते निष्प्रयोज्य साबित हो रहा है। एएनएम व सीएचओ के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण ग्रामीणों को इस आरोग्य मंदिर से अपेक्षाकृत सुविधा नहीं मिल पा रही है, क्योंकि यहां एएनएम की नियुक्ति के बाद भी मुख्य गेट से लेकर एएनएम व सीएचओ कक्ष तक ताला लटकता रहता है। जिससे इलाज के लिए आने वाले ग्रामीणों को बैरंग वापस जाना पड़ता है।
कई बार ग्रामीणों ने इस आरोग्य मंदिर को खोले जाने की मांग की। लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। आज जब देश स्वस्थ समाज का सपना देख रहा है, तो वहीं उसके सपनों को पंख देने वाले मनमानी पर तुले हुए हैं। ड्यूटी पर न आकर घर बैठे वेतन ले रहे हैं।
हुई है नियुक्ति
सेवरा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर अनीता की बतौर एएनएम व अनुष्का मिश्रा की बतौर सीएचओ नियुक्ति है। किंतु यह शायद ही महीने में एक दो दिन आती हों, बाकी दिनों में इस आरोग्य मंदिर पर ताला ही बंद रहता है। यह अपने घर से ही ड्यूटी को अंजाम दे रही हैं।
नहीं है सफाई
इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर के गेट तक व आसपास उगी घास फूस इस बात का प्रमाण है कि कोई स्वास्थ्य कर्मी आता है न ही पिछले कई महीनों से सफाई की गई है। आरोग्य मंदिर के आगे पीछे अगल बगल उगी झाड़ियां इसकी पहचान हैं।
खुद बीमार है मंदिर
ग्रामीणों के इलाज के लिए जिस आयुष्मान आरोग्य मंदिर का सरकार ने लाखों रुपये की लागत से निर्माण कराया है। आज वह खुद बीमार पड़ा इलाज के इंतजार में है। यहां नियुक्त एएनएम की मनमानी ग्रामीणों पर ही नहीं विभाग पर भी भारी पड़ रही है। इन दिनों सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक जिस आरोग्य मंदिर को खुलना चाहिए। वह रात दिन बंद ही रहता है।
कहां जाती हैं दवाइयां
इस आरोग्य मंदिर के बंद रहने से ग्रामीणों के जेहन में एक बड़ा सवाल उठना लाजिमी है। वह यह कि जब उक्त आरोग्य मंदिर बंद ही रहता है, तो फिर यहां के लिए आवंटित दवाइयां कहां जाती हैं। यह दवाएं कौन व कहां के मरीज खा रहे हैं। यहां के दवाइयाें की वैद्यता समाप्त होकर निष्प्रयोज्य हो जा रही हैं, या फिर इन दवाओं को कहीं बेचा तो नहीं जा रहा है।
आरोग्य मंदिर को समय से खोल कर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का आदेश है। यदि वह केंद्र नहीं खोल रही हैं, तो औचक निरीक्षण कर आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. सुधीर वर्मा, सीएचसी अधीक्षक।

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