अमेठी के एक विद्यालय में सहायक अध्यापक मोबिन अहमद अंसारी पर प्रार्थना सभा में वंदे मातरम् का विरोध करने और छात्राओं को जबरन उर्दू पढ़ाने का आरोप लगा था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें निलंबित कर दिया और अब उनका तबादला दूसरे ब्लॉक में कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अमेठी। प्रार्थना सभा में बच्चों को हाथ जोड़ने, राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् व भारत माता की जय का विरोध तथा बालिकाओं को जबरन उर्दू भाषा में पढ़ाई का दबाव बनाना सहायक अध्यापक को भारी पड़ गया। जांच में आरोप सही पाए जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक का मूल वेतन पर तैनाती करते हुए तबादला दूसरे ब्लॉक में कर दिया है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुसाफिरखाना के उच्च प्राथमिक विद्यालय पिंडारा महाराज में मोबिन अहमद अंसारी की तैनाती सहायक अध्यापक पद पर थी। विद्यालय में प्रार्थना सभा के दौरान सहायक अध्यापक नहीं खड़ा होता था। वहीं प्रार्थना सभा होने पर बच्चों को हाथ जोड़ना जरूरी नहीं होने की बात कहता था। इतना ही नहीं राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् व भारत माता का जयघोष करने से बच्चों को रोकता था। विद्यालय में उर्दू विषय पढ़ाई नहीं होती थी। बावजूद इसके कक्षा छह, सात व आठ की छात्राओं को जबरन उर्दू भाषा में पढ़ाता था। यह देख विद्यालय के प्रधानाध्यापक व अन्य शिक्षकों को खराब लगा।
शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में आरोप की पुष्टि होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी ने 20 मार्च 2025 को निलंबित कर दिया और सिंहपुर के खंड शिक्षा अधिकारी हरिओम तिवारी को जांच अधिकारी बनाया। खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में सभी आरोप सही पाए गए। खंड शिक्षा अधिकारी ने आठ जुलाई 2025 को जांच आख्या जिला बेसिक अधिकारी कार्यालय भेजी।
बीएसए ने सहायक अध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा। तब सहायक अध्यापक ने 31 जुलाई को स्पष्टीकरण देते हुए जांच अधिकारी बदलने की मांग की। चार अगस्त को दोबारा स्पष्टीकरण दिया। दोनों स्पष्टीकरण में भिन्नता मिली। जिसके चलते दीर्घ दंड (मूल वेतन पर वापसी की कार्रवाई की गई। निलंबित शिक्षक को बाजारशुकुल के प्राथमिक विद्यालय जौदिलमऊ में बहाल किया गया है।
बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि सहायक अध्यापक के द्वारा कर्मचारी नियमावली के विरुद्ध कार्य कर विभाग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। पाठ्यक्रम न होने के बाद भी बच्चों को उर्दू की पढ़ाई कराना, वंदे मातरम् व भारत माता की जय का विरोध करना लापरवाही का घोतक है। आरोप की पुष्टि होने पर शिक्षक को मूल वेतन पर वापसी करते हुए बाजारशुकुल ब्लाक में तैनात किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।