Amethi News: पशुओं में फैला खुरपका और मुंहपका रोग, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
अमेठी के कई गांवों में खुरपका और मुंहपका रोग का टीकाकरण न होने से पशुपालक परेशान हैं। पशुपालकों का कहना है कि टीकाकरण के अभाव में उनके पशु बीमार हो रहे हैं और उन्हें निजी डॉक्टरों से महंगा इलाज कराना पड़ रहा है। सरकारी पशुचिकित्सक से संपर्क करने पर भी कोई सहायता नहीं मिल पा रही है जिससे पशुपालकों में निराशा है।
संवाद सूत्र, सिंहपुर (अमेठी)। पशुपालन विभाग ने 23 जुलाई को खुर पका और मुंह पका बीमारी से बचाव के लिए पशुओं के टीकाकरण की शुरुआत की थी। लेकिन एक माह बाद भी कई गांव में पशुओं का टीकाकरण नहीं हुआ है। इससे पशु संक्रमित हो रहे हैं। टीकाकरण नहीं होने से पीड़ित पशुपालक निजी दुकानदारों से पशुओं का इलाज कराने को मजबूर हैं।
लौली ग्राम पंचायत के पूरे रिसलदार निवासी पशु पालक कामता प्रसाद यादव ने एक दर्जन दुधारू गाय व भैंस पाल रखे हैं। पशुपालक के सभी पशु खुरपका और मुंह पका रोग से ग्रसित हैं। इस रोग के होने से पशुओं को तेज बुखार और मुंह, जीभ और मसूड़ों में छाले पड़ सकते हैं।
वह हजारों रुपये की दवा करा चुके हैं, लेकिन पशु स्वस्थ नहीं हो रहे हैं। पीड़ित पशुओं ने चारा खाना छोड़ दिया है। जिससे वह बहुत कमजोर हो गए हैं। परिणाम स्वरूप दूध लगातार घट रहा है।
पशुपालक ने बताया कि कई बार सिंहपुर के सरकारी पशुचिकित्सक से टीकाकरण के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कहा कि एक तरफ से टीकाकरण हो रहा है, सिर्फ तुम्हारे लिए स्पेशल कोई व्यवस्था नहीं है।
निजी खर्च से प्राइवेट पशु चिकित्सक को बुलाकर टीकाकरण कराने का प्रयास किया, लेकिन टीका नहीं उपलब्ध हो सका। क्षेत्र में ऐसे कई पशुपालक हैं, जिनके पशुओं को टीका नहीं लगा है।
लौली, हथरोहना, जैतपुर, जगतपुर, टिकरी, मेहमानपुर, टेढ़ई, कुसुंभी आदि गांवों के पशुपालकों ने बताया कि एफएमडी का टीकाकरण नहीं हुआ है। पशुचिकित्सक लवकुश नाग ने बताया कि टीकाकरण का कार्य चल रहा है।
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