Amroha News: चार माह में फिर हिली गजरौला की थानेदारी, मनोज के लिए रहेगी चुनौती
गजरौला थाने के प्रभारी निरीक्षक अखिलेश प्रधान का तबादला कर दिया गया है जिसके पीछे विभागीय नाराजगी बताई जा रही है। उनकी जगह मनोज कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है जिनके लिए समन्वय बनाकर काम करना एक चुनौती होगी। गजरौला एक वीआईपी जोन है और यहां नेताओं की दखल रहती है। पिछले 11 महीनों में पांच बार थानेदार बदले जा चुके हैं जिससे थाने की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, गजरौला। औद्योगिक नगरी के थानेदार की कुर्सी एक बार फिर हिली है। इस बार में इंस्पेक्टर के तबादले के पीछे एक विभागीय अधिकारी की नाराजगी मानी जा रही है। हालांकि चर्चा है कि उनसे माननीय भी रूठे हुए चल रहे थे। लेकिन, तनावपूर्ण स्थिति में चलने वाली थाने की पुलिसिंग को समन्वय बनाकर कार्य करना नए प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
दरअसल, स्थानीय थाना मंडल के नामी थानों में शामिल है। लेकिन, यहां की कमान संभावना भी बहुत कठिन है। क्योंकि यहां राजनेताओं की प्रदेश स्तर तक दखल रहती है। यहां पर नेशनल हाईवे गुजरता है। दिल्ली और लखनऊ आने-जाने वाले नेता भी यहां पर ठहरते हुए निकलते हैं।
गजरौला को वीआइपी जोन भी कहा जाता है। क्योंकि गर्वनर और हाईकोर्ट के न्यायाधीश, जिला जज आदि आए दिन निकलते रहते हैं। इसलिए औद्योगिक नगरी के थाने की कमान बहुत सुलझे हुए व्यक्ति को सौंपी जाती है। लेकिन, कभी-कभी अधिकारियों की नाराजगी और राजनेताओं का रूठन भारी पड़ जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ।
चार माह रूकने के बाद प्रभारी निरीक्षक अखिलेश प्रधान को पुलिस अधीक्षक ने अपराध शाखा की जिम्मेदारी सौंपी है। अब उनके स्थान पर 15 माह तक मंडी धनौरा की थानेदारी संभालने वाले मनोज कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अखिलेश प्रधान के हटने की वजह भी यही मानी जा रही है कि विभाग के एक अधिकारी उनसे नाराज हो गए थे और माननीय भी रूठे हुए थे। लेकिन, माननीय इस बात से कोई सरोकार नहीं बता रहे हैं।
उनका तर्क है कि रूटीन में तबादले हुए हैं। खास बात यह भी है कि 11 महीने में पांच बार यहां के थानेदार बदले जा चुके हैं। प्रभारी निरीक्षक हरीश वर्धन के बाद कोई भी इंस्पेक्टर छह महीने तक लगातार नहीं टिक सका है। हरीश वर्धन के बाद यहां पर नौगावां सादात थाने से सुधीर कुमार आए थे। वो, सिर्फ 64 दिन कार्यरत रहे। फिर उन्हें हटा दिया गया।
इसके बाद प्रभारी निरीक्षण रणवीर सिंह को जिम्मा सौंपा गया। ये वही रणवीर सिंह हैं जो, संभल के असमौली थाने में तबादला होने के बाद वहां के लोगों ने इन्हें घोड़ा-बुग्गी पर बैठाकर दूल्हे की तरह विदा किया था। इंटरनेट मीडिया पर भी खूब छाए थे मगर, अपनी बेहतर कामकाज का परिचय स्थानीय थाने में नहीं दे पाए। मात्र 23 दिन में ही उन्हें हटा दिया गया था। फिर सनोज प्रताप सिंह आए। इन्होंने अपने कार्यकाल के 115 दिन काटे थे।
नाम | पदनाम | कब से कब तक |
हरीश वर्धन सिंह | प्रभारी निरीक्षक | 24.9.2023 - 22.9.2024 |
सुधीर कुमार | प्रभारी निरीक्षक | 29.9.2024 - 25.11.2024 |
रणवीर सिंह | प्रभारी निरीक्षक | 26.11.2024 - 19.12.2024 |
सनोज प्रताप सिंह | प्रभारी निरीक्षक | 19.12.2024 - 15.04.2025 |
अखिलेश प्रधान | प्रभारी निरीक्षक | 15.04.2025 - 19.08.2025 |
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