दिवाली से पहले नकली पनीर फैक्ट्री का भंडाफोड़, छापामार टीम को देखकर मालिक और कारीगर भागे
अमरोहा के गजरौला में खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावटी पनीर बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा। टीम को देखकर फैक्ट्री मालिक और कारीगर फरार हो गए। मौके से साढ़े चार क्विंटल पनीर बरामद हुआ, जिसे नष्ट कर दिया गया। पनीर का नमूना जांच के लिए भेजा गया है। फैक्ट्री मालिक इरफान पहले भी नकली दूध के मामले में पकड़ा जा चुका है और दिल्ली तक पनीर सप्लाई करता था।

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने गजरौला के गांव मोहरका के जंगलों में छापा मारा और मिलावटी पनीर की फैक्ट्री पकड़ी।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। नकली सोनपपड़ी पकड़ने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने मंगलवार को गजरौला के गांव मोहरका के जंगलों में छापा मारा और मिलावटी पनीर की फैक्ट्री पकड़ी। टीम को देखते ही कारीगर व फैक्ट्री स्वामी मौके से फरार हो गए। फैक्ट्री से बरामद करीब साढ़े चार क्विंटल पनीर को अधिकारियों ने नष्ट करवा दिया। उसकी कीमत करीब 1.26 लाख रुपये बताई जा रही है। पनीर का नमूना भरकर जांच के लिए भेजा गया है।
साढ़े चार क्विंटल पनीर बरामद, टीम देखते ही फैक्ट्री मालिक व कारीगर मौके से भागे
डीएम निधि गुप्ता के आदेश पर मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने गजरौला थाना क्षेत्र के गांव मोहरका के जंगल में छापा मारा। यहां पर बगैर लाइसेंस के पनीर की फैक्ट्री संचालित मिली। कारीगर व फैक्ट्री मालिक टीम को देखते ही फरार हो गए। मौके से टीम ने करीब साढ़े चार क्विंटल मिलावटी पनीर पकड़ा है। पनीर सीमेंट की हौदियों में रखा था। सभी हौदियों में गंदा पानी भरा हुआ था।
टीम ने पनीर को तालाब में नष्ट कराया, एक नमूना भरकर जांच को प्रयोगशाला भेजा
प्लास्टिक के एक बैग में सफेद रंग का केमिकल भी मिला। यह फैक्ट्री चोरी छिपे जंगल में चलाई जा रही थी। पता चला कि फैक्ट्री मालिक इरफान पुत्र यूसुफ निवासी गांव मोहरका का रहने वाला है। सहायक आयुक्त खाद्य ने बताया कि मिलावटी पनीर को पास के ही एक तालाब में नष्ट करवा दिया है। उसकी कीमत करीब 1.26 लाख रुपये थी। फैक्ट्री से रसायन में मैग्नीशियम सिलीकेट मिला है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। पनीर का नमूना जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
जगह बदलकर कर रहा था काम
इरफान मिलावट का यह गोरखधंधा आज से नहीं कर रहा है। इससे पहले भी वह नकली दूध व पनीर बनाते हुए पकड़ा जा चुका है। पहले वह गजरौला के मुहल्ला चमन बाग में कारखाना चलाता था। लेकिन, वहां छापे के दौरान नकली खेल का पर्दाफाश होने के बाद उसने अपना ठिकाना बदल दिया। अब वह मोहरका गांव के जंगल में फैक्ट्री चला रहा था।
दिल्ली व आस-पास की दुकानों पर करता था सप्लाई
मिलावटी पनीर को फैक्ट्री संचालक स्थानीय ही नहीं बल्कि आस-पास के जनपदों व दिल्ली तक आपूर्ति करता था। सहायक खाद्य आयुक्त ने बताया कि मिलावटी पनीर को इरफान अमरोहा, हापुड़, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद व दिल्ली के छोटे-छोटे दुकानदारों को सप्लाई करता था। इससे काफी मोटा मुनाफा वह कमा रहा था।
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