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    आस्था का समंदर बना ऐतिहासिक गंगा मेला, तिगरीधाम में त्रेतायुग से दिख रहा भव्य नजारा

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:06 PM (IST)

    तिगरीधाम में गंगा किनारे ऐतिहासिक गंगा मेला लगा, जहां आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया और साधु-संतों के नृत्य ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणवी गायिका रुचिका जांगिड़ ने अपनी प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।

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    आस्था का समंदर बना ऐतिहासिक गंगा मेला।

    सौरव प्रजापति, तिगरीधाम। रेतीली धरा, हवन यज्ञ की आहुतियां, पवित्र जल की धारा, खुला आसमां और अनूठे संगम का बसेरा। गंगा की गोद में उमड़े इस आस्था के समंदर में हर कोई डूबा है। श्रद्धालुओं के चेहरों पर भभूत की तरह जमी धूल श्रद्धा के उल्लास की गवाही दे रही है। भक्तों में बेहिसाब उमंग से गंगा मुस्कुरा रही है। आध्यात्मिक की बयार बह रही और जयकारों से वातावरण गूंज रहा है।

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    यहां मौज-मस्ती के साथ अनंत खुशहाली छाई है। साधु-संतों का अलग राग है। वे, सूर्य निकलने से पहले गंगा में गोता लगाने के बाद सड़कों पर थिरकते हुए अपनी धुनी की तरफ बढ़ते हैं। उन्हें देखकर हर कोई अभिभूत होता है। यही दृश्य मेले को बेमिसाल बना रहे हैं।

    त्रेतायुग से लगता आ रहा तिगरीधाम का ऐतिहासिक गंगा मेला इस बार भी मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर अद्भुत नजारों में रंगा हुआ मिला। चाय की चुस्की से दिन की शुरुआत, फिर घाटों पर उमड़ती स्नान की उमंग, धीरे-धीरे सड़कों पर बेहिसाब भीड़, झूलों पर मनोरंजन और तंबुओं में गुफ्तगू का अलग ही माहौल बना था।

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    रानी लक्ष्मी बाई के नाम से बने घाट नंबर-19 पर स्नान को महिलाओं की भीड़ थी तो पहली बार बसी टैंट सिटी भी श्रद्धालुओं को लुभा रही थी। गंगा किनारे पर सेवा के साथ श्रद्धा का संगम भी नजर आया । युवा रेत में खेल रहे थे और बच्चे चहक रहे थे। मिट्टी की सड़कों व चौराहों पर बनी देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी आध्यात्मिक के भाव को बढ़ावा दे रही थीं।

    बैंड बाजे की धुन पर श्रद्धालु नांच रहे थे, महिलाएं भी इस आलौकिक दृश्य के आनंद से अछूती नहीं रहीं। उन्होंने सॉफ्टी खाई और मीना बाजार की रौनक बढ़ाई। चाट पकौड़ी का भी लुत्फ उठाया जा रहा था। सदर चौक भी खिल उठा था, क्योंकि अलग अलग आध्यात्मिक मंशा के साथ श्रद्धालु उपस्थिति दर्ज करा रहे थे।

    खाकी सुरक्षा में व्यस्त रही और प्रशासन व्यवस्थाओं को संभालते हुए नजर आया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रभारी अमरोहा नगर पालिका के ईओ डॉ. ब्रजेश कुमार भी ऐसी वेशभूषा में दिखे कि जैसे कोई अधिकारी नहीं, बल्कि मां गंगा की सेवा में भक्त जुटे हो। चेहरे पर धूल थी और जुबां पर मेले का उल्लास। एसपी अमित कुमार आनंद घुड़सवारी के साथ मोर्चा संभाले हुए दिखे।

    डीएम निधि गुप्ता वत्स भी दिशा-निर्देश देते हुए मेले को सुंदर बनाने में जुटी रहीं। टैंट सिटी के स्वामी शिवम कुमार कहते हैं कि मेले में पहली बार कुंभ की तर्ज पर सिटी बसाने का मौका मिला है। मां गंगा की कृपा रही तो अगले साल बेमिसाल रहेगी।

    सांस्कृतिक कार्यक्रम में उमड़ा उल्लास

    तिगरीधाम में गंगा किनारे पर चल रहा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी श्रद्धालुओं की पसंद बन गया है। पिछले बार के मुताबिक इस बार न सिर्फ कार्यक्रम शानदार हुए बल्कि भारी संख्या में श्रद्धालु भी उमड़े। सोमवार की रात को हरियाणवी संगीत का जादू छा गया। प्रसिद्ध हरियाणवी गायिका रुचिका जांगिड़ के लाइव कार्यक्रम ने माहौल को उत्साह और उमंग से भर दिया। उनके लोकप्रिय गीतों पर दर्शक देर रात तक थिरकते रहे।

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    मंच से लेकर पंडाल तक हर तरफ तालियों और हूटिंग की गूंज सुनाई दी। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने संगीत और मनोरंजन का भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि वह लगातार पांचवीं बार मेले की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं लेकिन, इस बार रिकॉर्ड तोड़ भीड़ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उमड़ी है।

    यह उनके लिए ही नहीं बल्कि इस धारा के लिए भी सौभाग्य की बात है कि मां गंगा के दर्शन के साथ-साथ श्रद्धालु सांस्कृतिक और भारतीय संस्कृति का एहसास करते हुए कार्यक्रमों का हिस्सा बन रहे हैं। मेले में दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।