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    यूपी में नगर पंचायत का गजब कारनामा, मौत के 9 महीने पहले जारी कर दिया मृत्यु प्रमाण पत्र, जानें पूरा खेल

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 04:12 PM (IST)

    नगर पंचायत ने एक अजीबोगरीब मामला सामने लाया है, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु से नौ महीने पहले ही उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और पंचायत की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। यह लापरवाही दस्तावेजों की जांच में गंभीर चूक को दर्शाती है।

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    संवाद सहयोगी, जागरण. अजीतमल (औरैया)। मकान और प्रधानमंत्री आवास का रुपया हड़पने के लिए एक महिला ने मृतक व्यक्ति की पत्नी बन कर दूसरा मृत प्रमाण बनवा लिया। अस्पताल की तरफ से दिवंगत की मृत्यु का प्रमाण पत्र चार अक्टूबर 2019 को जारी कर दिया था। लेकिन महिला ने नगर पंचायत के कर्मचारियों से साठगांठ कर चार जनवरी 2019 का जन्म प्रमाण पत्र पिछले साल जारी करवा लिया। यानी नगर पंचायत के अभिलेखों दिवंगत नौ महीने पहले ही मृतक दिखा दिया। सभासद ने नगर पंचायत अध्यक्ष, ईओ और एसडीएम को शिकायत कर मामले की जांच की मांग की है। एसडीएम ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए है।

    बाबरपुर कस्बे के मुहल्ला शिवाजी नगर निवासी 63 वर्षीय लक्ष्मण अविवाहित है। प्रधानमंत्री आवास का 50 हजार रुपये उसके खाते में आया और उसे उसने निकाल लिया। इसी बीच बीमार हो गया। स्वजन उसको लेकर सैफई स्थित रूरल इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (रिम्स) लेकर गए। जहां चार अक्टूबर 2019 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। रिम्स ने कार्डिक अरेस्ट दिखाते हुए चार अक्टूबर 2019 को मृत प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया।

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    मरने से पहले वह अकसर इटावा जिले के भरथना तहसील की पोस्ट इंगुरी अंतर्गत ग्राम धौरखा में आता जाता था और गांव निवासी महिला से मिलता रहता था। महिला की पति की पहले ही मौत हो गई थी और उसकी जमीन महिला ने अपने नाम करवा ली थी। महिला बाबरपुर आकर लक्ष्मण के घर में रहने ली। उसका कहना है कि उसने उसकी पहली शादी 2004 में हुई थी और दूसरी शादी लक्ष्मण से 17 फरवरी 2018 को हुई थी।

     

    आरोप है कि लक्ष्मण की पत्नी बनकर महिला ने नगर पंचायत बाबरपुर अजीतमल से लक्ष्मण का मृत प्रमाण बनवा लिया। 29 मई 2024 को जारी इस प्रमाण पत्र में लक्ष्मणपुर की मृत्यु चार जनवरी 2019 को घर पर ही स्वभाविक तौर पर होना दर्शाई गई। जबकि लक्ष्मण चार अक्टूबर 2019 तक जिंदा था और सैफई कालेज में भर्ती था, जहां उसकी मौत हुई है। अस्पताल की तरफ से प्रमाण पत्र भी जारी हुआ था। जबकि नगर पंचायत बाबरपुर अजीतमल द्वारा नौ महीने पहले ही लक्ष्मण का मृत प्रमाण पत्र बनवा दिया गया।

     

    इतना ही नहीं लक्ष्मण के प्रधानमंत्री आवास के लिए बाकी रह गए दो लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवाने की कोशिश शुरू कर दी। साथ ही उसके हिस्से की जमीन और मकान को भी अपने नाम कराने की कोशिश शुरू कर दी। फिर महिला ने नगर पंचायत के वार्ड शिवाजी नगर की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा लिया। इस सूची में उसने अपने पति का नाम श्री कृष्ण लिखवाया है।

     

    वार्ड शिवाजी नगर के सभासद हिमांशु चौहान ने बताया कि नगर पंचायत कर्मचारियों की मिली भगत से यह खेल हुआ। षड्यंत्र के तहत फर्जी दूसरा मृत प्रमाण पत्र बनवाया गया है। रुपये और मकान हड़पने की नीयत के तहत यह षड्यंत्र रचा गया। मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, एसडीएम, ईओ व चेयरमेन को पत्र दिया है। मामले की जांच की मांग की है।

     

    एसडीएम निखिल राजपूत ने बताया कि शिकायती पत्र मिला है। गंभीर प्रकरण है। नायब तहसीलदार से जांच कर आख्या देने के लिए कहा गया है। जो भी दोषी होंगे उन पर कार्यवाही की जायेगी।

     

    नगर पंचायत चेयरमेन आशा चक ने बताया कि मामले की जानकारी कर जांच करवाई जायेगी।