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    Avadh University: लिव-इन और नशे की प्रवृत्ति समाज के लिए गंभीर समस्या, कुलाधिपति ने युवाओं को किया सतर्क

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 07:12 PM (IST)

    अवध विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने युवाओं को लिव-इन रिलेशनशिप और नशे की लत से सावधान किया है। उन्होंने इसे समाज के लिए गंभीर समस्या बताया और युवाओं को सही रास्ते पर चलने की सलाह दी। उन्होंने नशे से दूर रहने और विवाह जैसी संस्था का सम्मान करने का आह्वान किया, साथ ही भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।

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    दीक्षा समारोह में कुलाधिपति ने लिव इन और नशे से बचने की कही बात।

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को यहां लिव इन रिलेशनशिप व युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की। वह यहां डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षा समारोह की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वह सहमति के आधार पर किसी के साथ रहने के विरुद्ध नहीं हैं, फिर भी इसके जो परिणाम सामने आते हैं, वह भयावह हैं।

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    युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति घातक है। पंजाब के युवाओं को नशे ने जकड़ लिया है। वहां यह एक बड़ी समस्या है। कुलाधिपति ने कहा, उत्तर प्रदेश को पंजाब नहीं बनने देंगी। इसके लिए जो सख्ती की जा सकती है, की जा रही है। परिसर व छात्रावासों की तलाशी में ड्रग्स व शराब की बोतलें मिलना चिंताजनक है।

    दीक्षा समारोह में कुलाधिपति ने 125 मेधावियों को 140 स्वर्ण पदक प्रदान । उन्होंने स्नातक एवं परास्नातक 189119 उपाधि एवं अंक पत्रों को डिजीलाकर में समावेशित किया। प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण की प्रस्तुति दी। कुलाधिपति ने बच्चों की प्रशंसा की। छात्रों को चाकलेट भेंट किये।

    कुलाधिपति ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप पर उत्तराखंड सरकार ने अच्छा निर्णय किया। विधानसभा में बिल प्रस्तुत किया है, जिसमें कहा गया है कि लिव इन में रहना है तो माता-पिता की अनुमति आवश्यक है। पता तो चले बेटी कहां रहती है। किसके साथ रहती है। कैसा लड़का है।

    क्या कर रहा है। थोड़ा विरोध किया लोगों ने। देखिए इसमें भी विरोध। वहां के मुख्यमंत्री धामी अडिग रहे। मैं इसकी विरोधी नहीं हूं। जब घटनाएं बनती हैं, टुकड़े किए जाते हैं। निकाल दिया जाता है। वीडियो बनाया जाता है। परेशान किया जाता है। उस समय मां-बाप कहां जाते हैं, यह चिंता का विषय है। कहा यह चिंता केवल मेरी नहीं है।

    मेरे पास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आए और उन्होंने पाक्सो की पीड़िताओं की समस्या रखी। उनकी शिक्षा को लेकर कोई व्यवस्था ना होने का विषय रखा। मैंने विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा। स्वयं लखनऊ में वहां गई, जहां पर ऐसी बच्चियां रहती हैं। वहां की महिलाओं ने जो बताया, उसे सुन कर शर्म से सिर छुक गया।

    बाप से पीड़ित थीं। मामा से पीड़ित थीं, काका से पीड़ित थीं। बच्चियां पढ़ना चाहती हैं पर सुविधा नहीं है। छोटे-छोटे बच्चों के साथ बेटियां मिलीं। कम उम्र में प्रेम हो गया, भाग गए दोनों, वह बच्चा देकर छोड़ कर चला गया। हमारे जीवन के लिए हम स्वयं निर्णय नहीं कर सकते हैं, ऐसी शिक्षा नहीं होनी चाहिए।

    अध्यापकों को भी पता होना चाहिए कि कौन कहां क्या कर रहा है। ऐसी स्थितियां देखने को मिलती हैं। ऐसे में आपको तय करना है कि आपको अपनी जिंदगी कैसी व्यतीत करनी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जीवन कैसे बनाना है, उस पर ना हम चिंतन करते हैं, ना ही शिक्षण करते हैं, इस पर खुली चर्चा होनी चाहिए। अभिभावकों को भी बुलाना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि बेटी-बेटे का ध्यान रखें।

    कुलाधिपति ने कहा कि जब हम एक विश्वविद्यालय के लिए एक मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन लेते हैं तो किसानों की ही जमीन लेते हैं। किसान एक अच्छी भावना से हमें जमीन देते है कि इस पर शिक्षा का भवन बनेगा, जिसमें विद्यार्थी शिक्षा पाएंगे। जब वह देखता होगा, या उसे पता चलता होगा, या वह इस दुनिया में नहीं होगा तो उसकी आत्मा कराहती होगी कि हमने किस लिए जमीन दी थी।

    रोते हुए अपनी रोजी-रोटी से जुड़ी जमीन हमें भवन बनाने के लिए मिलती है। लाखों विद्यार्थी अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन वह ड्रग्स का है। वह दारू पी रहे हैं, उसकी आत्मा क्या सोचती होगी। कितने लोगों का पसीना एक विश्वविद्यालय बनाने में लगा है।

    ऐसे ही अस्पतालों की हालत है। गांव के लोगों की जमीन पर ही अस्पताल बनते हैं, और जब वह गांव का गरीब अस्पताल जाता है तो वहां कहते हैं कि दूसरी जगह चले जाओं। इधर सेवा नहीं होगी आपकी। क्यों भाई। उसका अधिकार है, आपके विश्वविद्यालय में, आपके मेडिकल कालेज में। हम कहीं भी पढ़ें, मेडिकल कालेजों में पढ़ें तब किसानों को याद रखें कि हम जो आज हैं, गरीब किसानों की जमीन पर भवन के कारण ही हैं।

    राज्यपाल ने कहा कि 25 नवंबर को श्री राम मंदिर का ध्वजारोहण होने जा रहा है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा में लाखों लोगों ने बलिदान दिया और इसे पाने के लिए सतत संघर्ष चलता रहा। हम सभी भारतवासी अब पूर्ण रूप से राम मंदिर के दर्शन पूजन अर्चन कर पाएंगे। कुलाधिपति ने सभी विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम का आदर्श जीवन में अपनाए।

    ज्यादातर लोग जीवन में कर्म करने की तो बात करते हैं परंतु उसे पूरे मनोयोग से पूर्ण करने में पीछे रह जाते हैं, जो हमारा दायित्व है उसे हम अवश्य पूरा करें। कुलाधिपति ने कहा कि भारत एक प्राचीन संस्कृति वाला देश है यहां गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से जीवंत रही है।

    ज्ञान के लिए गुरु आवश्यक है परंतु यह परंपरा लुप्त हो रही है। संचालन प्रो. नीलम पाठक् व आभार ज्ञापन कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने किया।

    अवध विवि को बनाएंगी सर्वश्रेष्ठ

    टाइम्स वर्ल्ड रैकिंग में यूपी के दो विश्वविद्यालय एक हजार से 1500 के बीच में आए हैं, जिसमें से एक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ दूसरी है पंडित मदन मोहन मालवीय टेक्निकल विश्वविद्यालय गोरखपुर। जब प्रतिबद्धता से काम होता है, तब परिणाम मिलते हैं। केवल चार घंटे काम करने से यह उपलब्धि नहीं मिलते है, यह समेकित प्रयास से प्राप्त होती है।

    जब यह भाव होता है कि यह विश्वविद्यालय हमारा हो, ये विद्यार्थी देश के हैं। तब सफलता मिलती है। यह काम मेरा नहीं है, वह काम मेरा नहीं है, जहां ऐसे लोग बैठे हैं, वहां कोई परिणाम नहीं आता है। परिणाम के लिए प्रतिबद्धता आवश्यक है। केवल चार घंटा काम करो और फिर सो जाओ, इससे देश आगे नहीं बढ़ता। समय देना पड़ता है।

    मेरा यह संकल्प है कि डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनाऊंगी। आपके पास गुणवत्ता है, संसाधन हैं, आप करना भी चाहते हैं, बस एक ही अभाव है, वह है प्रतिबद्धता का। केवल प्रतिबद्ध हो जाएं तो हो जाएगा। इनकंब्यूशन सेंटर ना हो, रिसर्च सेंटर ना हो तो बच्चे कहां जाएंगे, इसमें केवल विश्वविद्यालय का ही दोष है, ऐसा नहीं है, सरकार भी इसमें दोषी है, उच्च शिक्षा विभाग भी देखता नहीं है।

    यहां पर सब लोग बैठे हैं, इसलिए कह रही हूं। संभवतः यह पहली बार था कि शाषी परिषद की बैठक में राज्यपाल बैठा हो, और निर्णय करवाया हो। मैं बैठी थी, क्या करूं। मेरी प्रतिबद्धता है, आप मेरा सहयोग करो या ना करो, फिर भी विश्वविद्यालय सर्वश्रेष्ठ बन कर रहेगी, यह मेरी प्रतिबद्धता है।

    बालिकाओं का प्रारंभ हुआ टीकाकरण

    दीक्षा समारोह से पूर्व राज्यपाल ने महिलाओं में सवाईकल कैंसर से बचाव हेतु एचपीवी टीकाकरण का आरंभ किया। उपस्थित बालिकाओं से संवाद कर उन्हें टीकाकरण की जानकारी दी गयी। टीकाकरण के दौरान अयोध्या में तैनात पुलिस परिवार में आवासित नौ से 14 वर्ष आयु वर्ग की 30 बालिकाओं व कस्तूरबा विद्यालय के 20 बालिकाओं को टीका लगाया गया।

    सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को दिया किट

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अमेठी के 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी व स्वच्छता किट वितरित की, जिसमें बाल विकास परियोजना के जगदीशपुर, मुसाफिरखाना, शाहगढ़, बाजार शुकुल, जामो, भेटुआ,, सिंहपुर, संग्रामपुर, भादर, तिलोई, बहादुरपुर, अमेठी व गौरीगंज परियोजनाओं के आंगनबाड़ी केन्द्र शामिल हैं।

    इस मौके पर अयोध्या तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों दयावती, मीरा पांडेय व सोनपति को पुरस्कृत किया और अमेठी की पांच कार्यकर्त्रियों को मंच पर किट प्रदान किया। प्राथमिक विद्यालय बिहारीपुर की प्रधानाध्यापिका पूजा सिंह को भी किट प्रदान किया गया।