Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अयोध्या के पगलाभारी में मलबा हटाते समय फिर हुआ विस्फोट, मरने वालों की संख्या 6 हो गई

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 02:55 PM (IST)

    अयोध्या के पगलाभारी इलाके में मलबा हटाते समय एक और विस्फोट हुआ। इस घटना में कुछ और लोगों की जान चली गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। यह विस्फोट पहले हुए एक विस्फोट के बाद मलबा हटाने के दौरान हुआ।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। पगलाभारी में गुरुवार की रात हुए धमाके में पांच लोगों की मौत के बाद घटनास्थल से मलबा हटाते समय दूसरी बार धमाका हुआ, जिससे वहां ड्यूटी कर रहे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी दहल गए। इस धमाके में वहां तैनात लेखपाल घायल हो गये। मौके पर फारेंसिक टीम ने दोबारा पहुंच कर साक्ष्य संकलन किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बाद मलबा हटाने की प्रक्रिया और तेज कर दी गई। इस बीच शुक्रवार की सुबह मलबे के नीचे दबा गृहस्वामी की पत्नी का शव भी मिल गया है। इस विस्फोट में मरने वालों की संख्या अब छह हो गई है। दूसरे धमाके ने पुलिस एवं प्रशासन के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें धमाके के पीछे गैस सिलेंडर होने की बात कही जा रही थी। शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री सूर्यप्रताप सिंह ने भी घटनास्थल का दौरा किया।

    गुरुवार की रात सोहावल तहसील की नगर पंचायत भदरसा के महाराणा प्रताप वार्ड का हिस्सा पगलाभारी निवासी रामकुमार गुप्ता के मकान में भीषण विस्फोट हुआ था, जिसमें रामकुमार, उनकी दस वर्षीय पुत्री इशी व दो पुत्रों आठ वर्षीय लव और छह वर्षीय यश के अलावा एक मजदूर रामसजीवन की मौत हो गई थी।

    घटना के बाद से रामकुमार की पत्नी वंदना का पता नहीं चल पा रहा था। शुक्रवार सुबह मलबा हटाने के दौरान उसका भी शव मिला। इस कांड में रामकुमार का पूरा परिवार समाप्त हो चुका है। अप्रैल वर्ष 2024 में रामकुमार की आटा चक्की में विस्फोट के बाद गांव वालों ने उसका विरोध किया।

    यह भी पढ़ें- Blast in Ayodhya: रसोई में ही कर सकते हैं गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जांच, इन बातों का रखें ध्यान 

    ग्रामीणों ने उस पर पटाखों के अवैध भंडारण एवं निर्माण से जुड़े होने का आरोप लगाया, लेकिन उस समय पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसे लेकर ग्रामीणों में भी नाराजगी रही। पटाखों के अवैध कारोबार को लेकर ग्रामीणों के बहिष्कार के बाद वह गांव के बाहर घर बना कर रहने लगा।

    उस विस्फोट में उसकी पत्नी और मां सहित तीन लोग काल के गाल में समा गये थे। गुरुवार की रात दोबारा हुए विस्फोट में घायल लेखपाल आकाश सिंह को लखनऊ रेफर किया गया है, जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत खतरे से बाहर बतायी है। हालांकि उप जिलाधिकारी सविता राजपूत ने फिसल जाने के कारण लेखपाल को चोट आने की बात कही है। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि हर पहलू को ध्यान में रख कर फारेंसिक टीम से घटना की जांच कराई जा रही है। मलबे को हटाने का कार्य निरंतर जारी है।