मृत को ढाई वर्ष बाद जीवित दिखाकर जमीन हड़पने के प्रयास, लेखपाल सहित चार पर एफआईआर
Ayodhya Crime News: शिकायतकर्ता अरुण कुमार ने धोखाधड़ी उजागर करते हुए नायब तहसीलदार सदर के समक्ष पुनर्स्थापन प्रार्थनापत्र दिया गया। जांच के बाद रानी देवी का नाम निरस्त कर मुठुरा देवी के पुत्रों रामनिरंजन, अरुण कुमार और अरविंद कुमार के नाम भूमि पुनः दर्ज कर दी गई।

सीजेएम ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया
संवाद सूत्र, जागरण, अयोध्या : जमीन कब्जाने के लिए एक महिला को ढाई वर्ष बाद जिंदा दिखा कर करोड़ों की संपत्ति हड़पने के मामले में अयोध्या पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। फर्जी अधिकार पत्र और झूठे कागजात तैयार करने वाले आरोपितों के विरुद्ध सीजेएम ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था।
ग्राम भीखी का पुरवा निवासी अरुण कुमार न्यायालय में शिकायती प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। बताया कि उनकी मां मुठुरा देवी हैबतपुर स्थित भूमि की संक्रमणीय भूमिधर थीं, जिनका निधन छह दिसंबर 2008 को हो गया था। लेकिन विपक्षी रानी देवी और उनके पति रविंद्र कुमार ने मुठुरा देवी की मौत के ढाई साल बाद 24 जून 2011 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय लखनऊ में किसी दूसरी महिला का फोटो लगाकर एक फर्जी अधिकार पत्र तैयार करा लिया।
पीड़ित ने आरोप लगाया था कि लेखपाल युवराज सिंह की मिलीभगत से विपक्षीगण रानी देवी, रविंद्र कुमार और सतीश कुमार ने 16 नवंबर 2011 को मुठुरा देवी का नकली मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार किया। फिर सतीश कुमार और लेखपाल युवराज सिंह ने गवाही देकर खतौनी में रानी देवी को मुठुरा देवी की पुत्री बताते हुए नाम दर्ज करा लिया।
शिकायतकर्ता अरुण कुमार ने धोखाधड़ी उजागर करते हुए नायब तहसीलदार सदर के समक्ष पुनर्स्थापन प्रार्थनापत्र दिया गया। जांच के बाद रानी देवी का नाम निरस्त कर मुठुरा देवी के पुत्रों रामनिरंजन, अरुण कुमार और अरविंद कुमार के नाम भूमि पुनः दर्ज कर दी गई। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली अयोध्या पुलिस ने रानी देवी, रविंद्र कुमार, सतीश कुमार और लेखपाल युवराज सिंह के विरुद्ध कूटरचना, छल व कूटरचित दस्तावेज को उपयोग में लाने समेत पांच धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

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