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    अयोध्या दीपोत्सव में लोगों को आकर्षित करेगी रामलीला, इन देशों के कलाकार लेंगे हिस्सा

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    अयोध्या के दीपोत्सव में इस बार रामलीला खास आकर्षण होगी, जिसमें थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों के कलाकार भाग लेंगे। रामलीला के मंचन को भव्य बनाने के लिए विशेष मंच और प्रकाश व्यवस्था का उपयोग किया जाएगा। दीपोत्सव भगवान राम के वनवास से लौटने की खुशी में मनाया जाता है, जिसमें शहर दीयों से जगमगाता है।

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    इस वर्ष भी दर्शकों को रोमांचित करेगी विदेशी रामलीला।

    लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। इस बार भी दीपोत्सव के दर्शक दीपों की आभा के साथ भगवान श्रीराम के जीवन मूल्याें व आदर्शों पर नाट्य प्रस्तुति का आनंद उठा सकेंगे। गत वर्ष के दीपोत्सव की भांति इसके नौवें संस्करण में भी देसी के साथ विदेशी रामलीला की प्रस्तुति कराई जाएगी। पिछले वर्ष चार देशों के कलाकारों ने अपनी नाट्य प्रस्तुति दी थी, तो इस वर्ष वे श्रीलंका की भी रामलीला से परिचित हो सकेंगे।

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    आठवें संस्करण में थाईलैंड, कंबोडिया, रूस व नेपाल के कलाकारों ने रामलीला की प्रस्तुति दी थी तो नौवें संस्करण में थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, नेपाल व रूस के कलाकार आ रहे हैं।

    ये विदेशी कलाकार रामकथा पार्क में बने मंच पर अपनी नाट़्य प्रस्तुति देने के लिए दीपोत्सव के एक-दो दिन पूर्व ही पहुंच जाएंगे। इसका संयोजन अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान (आईआरवीआरआई) कर रहा है।

    रामनगरी में वर्ष 2017 से अनवरत आयोजित हो रहा दीपोत्सव अब अपनी अलौकिक आभा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्धि पा चुका है। इस दीपोत्सव का प्रमुख आकर्षण देसी के साथ विदेशी रामलीलाएं भी होती रही हैं।

    प्रत्येक रामकथा पार्क में मंच सजता है और बारी-बारी से देसी-विदेशी कलाकार अपनी शैली में भगवान राम के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का मंचन करते रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के निदेशक आशुतोष द्विवेदी बताते हैं, इस वर्ष विदेशी रामलीला में एक अन्य देश को जोड़ा गया है, जिसका भगवान श्रीराम से जुड़ाव रहा है और वह धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से भारत से भी आबद्ध है।

    उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष जहां कंबोडिया ने अपनी नाट्य प्रस्तुति दी थी, तो इस वर्ष उसके स्थान पर श्रीलंका के कलाकार आएंगे। साथ ही देशों की संख्या पांच होगी।

    इनके अतिरिक्त स्थानीय कलाकार भी स्वदेश की शैली से परिचित कराएंगे। उन्होंने बताया कि इन देशों के कलाकारों से संपर्क साधा जा रहा है और उनकी सहमति प्राप्त की जा रही है। एक-दो दिन में फाइनल हो जाएगा।

    विभिन्न स्थानों पर सजेंगे छोटे मंच

    दीपोत्सव के एक दिन पूर्व से ही कलाकार छटा बिखेरने लगेंगे। इसके लिए विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे मंच सजाए जाएंगे। इसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। गत वर्ष तुलसी उद्यान, गुप्तारघाट व गांधी आश्रम के पास मंच सजा था तो इस वर्ष एक-दो स्थान बढ़ सकते हैं।

    प्रदर्शनी भी सजाएगा संस्थान

    निदेशक आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि दीपोत्सव के दिन अयोध्याधाम के रामकथा पार्क के पास आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान भी अपना स्टाल लगाएगा।

    इसमें देसी-विदेशी रामलीला से जुड़ी वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें देसी के साथ विदेशी रामलीला में प्रयुक्त होने वाले मुखौटे, हैंड प्राप्स, जिनमें तलवार, गदा, धनुष, पेंटिंग, पुस्तकें आदि होंगी।

    दीपोत्सव में रूस का प्रतिनिधित्व करेगी दिशा रामलीला

    दीपोत्सव में इस वर्ष रूस के कलाकारों का प्रतिनिधित्व रशियन-इंडियन फ्रेंडशिप सोसाइटी ‘दिशा’ करेगी। इसने दीपाोत्सव-2025 में अपनी नाट्य प्रस्तुति ‘दिशा रामलीला’ प्रस्तुत करने के लिए सहमति दे दी है। यह प्रस्तुति पद्मश्री गत्रादी मिखाइलोविच पेचनिकोव की स्मृति को समर्पित है।

    रूसी-भारतीय मैत्री संघ ‘दिशा’ के अध्यक्ष डॉ. रमेश्वर सिंह ने कहाकि रूस में रामलीला का इतिहास 1960 के दशक से जुड़ा है, जब सोवियत और रूसी अभिनेता, रंगमंच निर्देशक और सांस्कृतिक व्यक्तित्व गत्रादी मिखाइलोविच पेचनिकोव ने लगभग दो दशकों तक रामलीला का मंचन किया।

    इस दिशा रामलीला का पहला प्रदर्शन 4-6 नवंबर 2018 को अयोध्या में हुआ था, दूसरा कुंभ मेला-2019, प्रयागराज में और तीसरा दीपोत्सव 2022, 2023 अयोध्या में। अब दिशा रामलीला मास्को फिर दीपाेत्सव में रूस का प्रतिनिधित्व करेगी।

    डॉ. रमेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार, रूस के भारत में राजदूत डेनिस एवगेनियेविच अलीपोव तथा जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र (जेएनसीसी) मास्को की निदेशक मधुर कंकना राय के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की।