Chandra Grahan 2025: अयोध्या में ग्रहण के दौरान बंद रहेंगे मंदिरों के कपाट, पास धारकों को मिलेगी ये सुविधा
अयोध्या के मंदिरों के कपाट चंद्रग्रहण के कारण मध्याह्न से बंद रहेंगे। ग्रहण का सूतक दोपहर 1257 बजे से लगने के कारण दर्शनार्थियों का प्रवेश दोपहर 1230 बजे से बंद हो जाएगा। जिनके पास पहले से पास हैं वे दोपहर 12 बजे से पहले या अगले दिन दर्शन कर सकते हैं। राम मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। चंद्रग्रहण के चलते रविवार को मध्याह्न से मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। यद्यपि ग्रहण रात में 9:57 बजे लगेगा, किंतु ग्रहण का सूतक नौ घंटा पूर्व के हिसाब से मध्याह्न 12:57 बजे से ही लग जाएगा।
ग्रहण मध्य रात्रि 1:26 बजे तक रहेगा। तथापि मंदिरों के कपाट ग्रहण मोक्ष के बाद भी बंद रहेंगे और सोमवार को नियत समय पर मंदिरों के पट खुलेंगे। राम मंदिर
के व्यवस्थापक गोपाल राव ने बताया कि सात सितंबर को दोपहर से सूतक काल शुरू हो जाने से साढ़े 12 बजे से डी-वन प्वाइंट (रामजन्मभूमि पथ) से दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। अगले दिन मंदिर के कपाट खुलेंगे, इस कारण आठ सितंबर की सुबह से दर्शन प्रारंभ होगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर बंद होने से दोपहर एक से तीन बजे, तीन से पांच बजे, पांच से सात बजे और सात से रात नौ बजे की दर्शन स्लाट के सभी पास निरस्त कर दिए गए हैं। ग्रहण होने से शयन आरती भी नहीं होगी।
पासधारकों को ट्रस्ट अगले दिन भी कराएगा दर्शन
जिन दर्शनार्थियों के सुगम या विशिष्ट पास पहले ही बन चुके हैं, वह निरस्त नहीं होंगे। हालांकि दोपहर बाद के स्लॉट का नया पास नहीं जारी किया जाएगा। जिनके दर्शन पास पहले ही बन चुके हैं, वह निर्धारित स्लाट से पहले यानी दोपहर 12 बजे से पूर्व दर्शन कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि किसी का रविवार को दोपहर एक बजे से तीन बजे के स्लॉट का दोनों में से कोई पास बना है तो वह सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक की किसी भी स्लॉट में मंदिर पहुंच कर दर्शन कर सकेगा।
इसी तरह यदि सात सितंबर को वह नहीं पहुंच सकेगा तो उसी पास पर अगले दिन आठ सितंबर को भी दर्शन हो सकेगा। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्रा ने एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दूबे को एक पत्र लिखकर ऐसे श्रद्धालुओं को प्रवेश देने का अनुरोध किया है।
एसपी सुरक्षा ने बताया कि पासधारक श्रद्धालु सात सितंबर को दोपहर 12 बजे से पूर्व या आठ सितंबर को दर्शन करने आ सकते हैं। उन्हें किसी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा और उसी पास के आधार पर दर्शन हो सकेगा।
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