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    श्रीराम नहीं... फिर अयोध्या में किसकी 108 फीट ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित? सीमेंट और फाइबर से बनेगी

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 07:12 PM (IST)

    अयोध्या में श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट द्वारा भगवान शिव की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर विष्णुपुरम में स्थापित होगी। इस परियोजना की आधारशिला कार्तिक पूर्णिमा को रखी गई। परिसर में रामदरबार भी स्थापित किया जाएगा। ट्रस्ट चिकित्सालय और वृद्धाश्रम जैसी सेवा योजनाएं भी चलाएगा। राजकुमारदास ने राम और शिव की अभिन्नता पर प्रकाश डाला।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। श्रीराम और शिव की अभिन्नता लोकविदित है और इसी भावना के अनुरूप रामनगरी में भगवान शिव की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी और 21 फीट ऊंचे अधिष्ठान को मिला कर इसकी कुल ऊंचाई 129 फीट होगी। यह प्रतिमा सीमेंट और फाइबर से बनेगी।

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    इसकी स्थापना पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर मौनी बंगला के करीब विष्णुपुरम में होगी। यह योजना श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट की है। इसके प्रेरक और मुख्य संरक्षक शीर्ष पीठ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास हैं। जबकि ट्रस्ट के अन्य लोग दिल्ली, मुंबई, मथुरा सहित देश के विभिन्न हिस्सों के हैं।

    बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में राजकुमारदास एवं श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन कुछ अन्य विशिष्ट लोगों के साथ इस परियोजना की आधारशिला रखी। इस अवसर पर प्रख्यात शास्त्रज्ञ आचार्य रघुनाथ त्रिपाठी एवं गोवर्द्धननिवास के महंत मनमोहनदास सहित ट्रस्ट के मुख्य अध्यक्ष ब्रजेंद्र गुप्त, अध्यक्ष सत्यनारायण मित्तल, महामंत्री बालकृष्ण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष धर्मपाल गर्ग, उपाध्यक्ष दरवेश बंसल, संदीप मिश्र आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

    ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि 30 हजार वर्ग फीट के भूक्षेत्र को भगवान शिव की विशाल प्रतिमा सहित श्रीरामशिवधाम के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परिसर के केंद्र में चांदी से निर्मित रामदरबार की स्थापना होगी। रामदरबार का सिंहासन और गर्भगृह का कपाट भी चांदी का होगा।

    इस परिसर में शिव की विशाल प्रतिमा के साथ शिव के द्वादश शिवलिंग सहित चारधाम की भी स्थापना होगी। श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट की योजना चिकित्सालय, वृद्धाश्रम एवं मोबाइल डिस्पेंसरी भी संचालित करने की है। इसके लिए ट्रस्ट ने 17 हजार पांच सौ वर्ग गज भूमि का अलग से प्रबंध किया है।

    शिव और राम की अभिन्नता आनंदित करती है : राजकुमार

    श्रीराम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट के संरक्षक राजकुमारदास ने अपने आशीर्वचन में श्रीराम और शिव की अभिन्नता प्रतिपादित की। उन्होंने याद दिलाया कि जिन शिव और राम को परस्पर एक-दूसरे का ईश्वर कह कर जाना गया है, ऐसे अन्योन्याश्रित शिव एवं श्रीराम को रामशिवधाम में परंपरा के अनुरूप पूरी अभिन्नता से साथ देखना अति आह्लादकारी होगा।

    उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस भव्य प्रांगण से ठाकुरजी के प्रति प्रीति और परोपकार का प्रतिमान गढ़ा जाएगा। उन्होंने आस्था के साथ सेवा का प्रभावी प्रकल्प तैयार करने के लिए ट्रस्ट के प्रयास को प्रशंसित भी किया।

    चांदी का धनुष-बाण भेंट कर श्रीराम जैसा सुहृद बताया

    श्रीरामशिवधाम की स्थापना में प्रभावी-प्रेरक भूमिका के लिए ट्रस्ट की ओर से राजकुमारदास का अभिनंदन किया गया। उन्हें उत्तरीय, स्मृतिचिह्न, विशिष्ट माला और चांदी के मुकुट सहित श्रीराम के प्रिय शस्त्र के रूप में चांदी का विशाल धनुष तथा बाणों से युक्त तूणीर भेंट किया गया। ट्रस्ट के महामंत्री बालकृष्ण ने उनके सहयोग-संरक्षण के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए उन्हें श्रीराम जैसा ही धीर, उदार, सरल और सुहृद बताया।