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    Ayodhya News: मुख्यमंत्री तक पहुंचा मेडिकल छात्र सागर की मौत का प्रकरण, विधायक ने लगाई निष्पक्ष जांच की गुहार

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:45 AM (IST)

    मछलीशहर की विधायक डाॅ. रागिनी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अयोध्या के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्र सागर पटेल की मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पोस्टमार्टम में लापरवाही का आरोप लगाया और मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की। विधायक ने पहले भी कॉलेज में हुई घटनाओं का जिक्र किया और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता बताई।

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    Ayodhya News: मुख्यमंत्री तक पहुंचा मेडिकल छात्र सागर की मौत का प्रकरण, विधायक ने लगाई निष्पक्ष जांच की गुहार

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज में एमबीबीएस छात्र सागर पटेल की मौत का प्रकरण मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। जौनपुर जिले के मछलीशहर विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉ. रागिनी ने सीएम को एक पत्र भेजा है, जिसमें प्रकरण की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच किसी विशेष जांच एजेंसी से कराने की मांग की है। 

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    उन्हाेंने पत्र में सागर की मृत्यु से लेकर पोस्टमार्टम में लापरवाही का भी आराेप लगाया है। विधायक ने कालेज में इससे पहले भी हुई घटना के बारे में सीएम को अवगत कराया है। वहीं मृतक छात्र के पिता को उनकी दयनीय स्थिति देखते हुए एक करोड़ रुपये सहायता दिए जाने की भी मांग की है।

    मछलीशहर के निकामुद्दीनपर निवासी समरबहादुर पटेल का पुत्र सागर पटेल वर्ष 2024 बैच का एमबीबीएस छात्र था। एक सितंबर से आरंभ हो रही प्रथम प्रोफेशनल परीक्षा में नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमएसी) के मानक के अनुसार कम उपस्थित हाेने पर सागर सहित 15 छात्रों को बायोकमेस्ट्री विभागाध्यक्ष की ओर से परीक्षा में शामिल हाेने पर रोक लगा दी गयी थी। 

    इसी बीच 22 अगस्त को सागर ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। सागर की मृत्यु के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन व पोस्टमार्टम में पुलिस की ओर से हुई लापरवाही की जानकारी विधायक डॉ. रागिनी ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को दी है। 

    उन्होंने कहा है कि छात्र सागर की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। इसी प्रकार कुछ दिन पहले ही एक छात्रा ने भी भवन से कूदने का प्रयास किया था, जिसे वहां उपस्थित चिकित्सकों ने बचा लिया। 

    कहा है कि इन घटनाओं ने पूरे प्रदेश को गहरे दुख और चिंता में डाल दिया है। कहा है कि स्वजन सागर की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में होने व पोस्टमार्टम से पहले शव की फोटोग्राफी न कराने पर आशंका जताने के साथ पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाया है। 

    उन्हाेंने मुख्यमंत्री से कहा है कि यह केवल एक परिवार का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की भावनाओं का प्रश्न है। एक मेधावी छात्र की असामयिक मृत्यु ने समाज को विचलित किया है। इसीलिए सागर की मृत्यु की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच किसी विशेष जांच एजेंसी से करा कर दोषी एवं लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करते की मांग की है।