Ayodhya News: डायग्नोस्टिक सेंटर पर सीटी स्कैन की गलत रिपोर्ट देने का आरोप, डीएम ने दिए जांच के आदेश
अयोध्या के चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर पर गलत सीटी स्कैन रिपोर्ट देने का आरोप है। शिकायतकर्ता अब्दुल कादिर ने जिलाधिकारी से जांच और मुआवजे की मांग की है। उनका आरोप है कि गलत रिपोर्ट के कारण निदान में देरी हुई जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम उठाने पड़े और आर्थिक नुकसान भी हुआ। डीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

संवाद सूत्र, अयोध्या। चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर पर सीटी स्कैन की गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगा है। इससे जान का खतरा उत्पन्न हाेने की आशंका जताई गयी है। गलत रिपोर्ट से हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान होने की बात भी कही गई है। शिकायत जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे से की गई है।
शिकायतकर्ता ने जांच उच्चाधिकारी से कराने के साथ मुआवजा दिलाने की मांग की है। डीएम ने प्रकरण को संज्ञान में लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील कुमार बानियान और उप जिलाधिकारी सदर को जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश दिया है।
शहर निवासी अब्दुल कादिर ने एक शिकायती पत्र चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर को भेजने के साथ प्रति मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी, एसएसपी, सीएमओ और मेडिकल काउंसिल उत्तर प्रदेश को दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि आठ जुलाई को सेंटर में सीटी स्कैन कराया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बाएं तरफ गुर्दा में 4. 3 मिमी तथा दाएं गुर्दा 3. 2 मिमी की पथरी और संभावित पैल्विक कैल्शिफिकेशन का उल्लेख किया गया है। मूत्र वाहिनी की पथरी या हाइड्रोनफ्रोसिस, हाइड्रोयूरेटर का कोई उल्लेख नहीं है। इतना ही नही दोनों गुर्देों को सामान्य बताया गया है।
आरोप है कि दस अगस्त को सत्यम डायग्नोस्टिक सेंटर में समस्या अधिक हाेने पर जांच कराने पर दोनों गुर्दों और मूत्र वाहिनी में कई पथरी बतायी गयीं। दाईं मूत्र वाहिनी में 9.0 मिमी, बाएं गुर्दा में 6.2 मिमी पथरी बतायी गयी है, जबकि 12 जून को विशाल नर्सिंग होम में बाएं गुर्दा में 5.4 मिमी का पत्थर और हल्का कैलिक्स बढ़ा तथा दाएं गुर्दा में 5.9 मिमी और 4.2 मिमी पथरी, वीयू जंक्शन पर 7.5 मिमी का पत्थर बताया गया था।
आरोप है कि सीटी स्कैन रिपोर्ट गलत होने से निदान और उपचार में देरी हुई। इसके चलते अधिक देरी से गंभीर दर्द और स्वास्थ्य का जोखिम उठाना पड़ा और 11 अगस्त को आपातकालीन सर्जरी करानी पड़ी। इससे अतिरिक्त चिकित्सा व्यय व एयर इंडिया एक्सप्रेस का 12 अगस्त हो निर्धारित यात्रा का टिकट रद कराने से काफी वित्तीय नुकसान हुआ।
इतना ही नहीं मूत्र वाहिनी की पथरी के निदान में देरी से गंभीर हाइड्रोनफ्रोसिस, गुर्दे की क्षति और गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी का खतरा बताया गया है। सेंटर के प्रबंधक यतींद्र ने बताया सेंटर पर कोई शिकायत नहीं मिली है। सीटी और अल्ट्रासाउंड जांचें एमडी करते हैं और रिपोर्ट भी गुणवत्ता पूर्ण होती है।
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