आयुष्मान कार्ड के बदल गए नियम, तीन बीमारियों का प्राइवेट अस्पताल में नहीं होगा मुफ्त इलाज
उत्तर प्रदेश में अब आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। अब निजी अस्पतालों में मस्तिष्क प्रसव और बच्चेदानी के ऑपरेशन जैसी तीन बीमारियों का इलाज आयुष्मान कार्ड से नहीं हो सकेगा। इन बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को केवल सरकारी अस्पतालों पर निर्भर रहना होगा।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसमें सरकार की तरफ से कार्ड धारकों को 5 लाख तक की चिकित्सा एवं जांच की व्यवस्था मुफ्त में उपलब्ध होती है।
लेकिन आयुष्मान नियमों में अब कुछ बदलाव किया गया है, जिसमें इस योजना के अंतर्गत कुछ बीमारियों का उपचार केवल और केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त में हो सकेगा। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में कई बीमारियों का इलाज करने के लिए अब आयुष्मान कार्ड वैलिड नहीं होगा।
जिले में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसमें सरकार की तरफ से कार्ड धारकों को 5 लाख तक की चिकित्सा एवं जांच की व्यवस्था मुफ्त में उपलब्ध होती है।
लेकिन आयुष्मान नियमों में अब कुछ बदलाव किया गया है, जिसमें इस योजना के अंतर्गत कुछ बीमारियों का उपचार केवल और केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त में हो सकेगा, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज करने के लिए अब आयुष्मान कार्ड वैलिड नहीं होगा।
जबकि ज्यादातर मरीज बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आस लिए निजी अस्पतालों की तरफ ज्यादातर रुख करते है। क्योकि सरकारी अस्पतालों की सुविधा मौजूदा समय भी राम भरोसे संचालित हो रही है। जिला अस्पताल हो या फिर सीएचसी, पीएचसी आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद मरीजों से किसी न किसी बहाने रुपये ऐंठ लिया जाता है।
केवल सरकारी अस्पतालों में होगा इन बीमारियों का उपचार
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आयुष्मान योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों में तीन बीमारियों का इलाज और आपरेशन दोनों बंद किया गया है। इसमें मस्तिष्क, डिलीवरी और बच्चेदानी का आपरेशन शामिल है। इस तरह के इलाज की सुविधा अब केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त में उपलब्ध होगी। आयुष्मान योजना के अंतर्गत जिन लोगों का कार्ड बना हुआ है, उन्हें इस तरह के बीमारी के संबंध में सरकारी अस्पताल में ही इलाज करना होगा। आयुष्मान योजना गरीबों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 5 लाख रुपए तक के खर्च की बीमारी या आपरेशन का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में भी कर ले रहे हैं।
अब सरकारी अस्पतालों का मरीज लेंगे सहारा
जिले में आयुष्मान योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में लक्ष्य के सापेक्ष 110 प्रतिशत लोगों के प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं और लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत 31 निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नियमों में इस बदलाव के बाद इन बीमारियों में मरीजों को केवल सरकारी अस्पतालों का ही सहारा लेना पड़ेगा. आपको बता दें कि आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत इस तरह के इलाज करने वाले मरीजों की संख्या काफी अधिक होती है. ऐसे में निजी अस्पतालों में यह सुविधा न मिलने से एक बार फिर मरीज को केवल सरकारी अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं का ही सहारा मिलेगा।
अब निजी अस्पतालों में तीन दो बीमारियों सहित एक आपरेशन की सुविधा मरीजों को नही मिलेगी। सरकारी अस्पताल में ही उन्हे अपना इलाज करवाना होगा। -डा.आलेंद्र कुमार, नोडल अधिकारी।
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