आजमगढ़ को जल्द ही मिलेंगी 50 इलेक्ट्रिक बसें, अंबेडकर डिपो बनेगा चार्जिंग प्वॉइंट
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम आजमगढ़ मंडल में जल्द ही 50 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने जा रहा है। इन बसों के आने से शहर और ग्रामीण इलाकों में परिवहन सुगम होगा और डीजल बसों की संख्या कम की जाएगी। प्रदूषण को कम करने और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। अंबेडकर डिपो में चार्जिंग प्वाइंट बनेगा, और शुरुआत में बसें 100 किमी के दायरे में चलेंगी।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर जोर शोर से जुटा हुआ। आजमगढ़ मंडल को जल्द ही 50 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। बसें आने के बाद शहर से ग्रामीण क्षेत्र तक हर रूट पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी।
जैसे-जैसे बसों की संख्या बढ़ेंगी वैसे-वैसे डीजल बसों की संख्या कम कर दी जाएगी। निगम ने बढ़ते प्रदूषण और डीजल की खपत को ध्यान में रखते हुए यह पहल की है। इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण कम और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
इलेक्ट्रिक बसों के आने से स्थानीय लोगों को आरामदायक और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का साधन मिलेगा। परिवहन निगम की ओर से आजमगढ़ परिक्षेत्र को द्वितीय चरण में बसें मिलेंगी।
निगम में इसके साथ ही अनुबंध के तौर पर भी बसों को आने के लिए निजी मालिकों को आमंत्रित किया है। परिवहन निगम ने बसों की खरीदारी के लिए राशि भी अवमुक्त कर दिया है।
आजमगढ़ के परिक्षेत्रीय कार्यालय स्थित अंबेडकर डीपो में बनेगा चार्जिंग प्वाइंट
रोडवेज स्थित आजमगढ़ के परिक्षेत्रीय कार्यालय स्थित अंबेडकर डीपो में इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा। जिससे बसों के संचालन में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। बसों के चार्जिंग के लिए दो एमवी का बिजली कनेक्शन भी लिया जाएगा। फिलहाल शुरुआती दिनों में बसों का संचालन मुख्यालय से 100 किमी के अंदर किया जाएगा। इसके बाद 100 से 120 किमी तक दूरी बढ़ाई जाएगी।
जिले में पर्याप्त मात्रा में इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध होने की स्थिति में डीजल से संचालित बसों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। अभी डीजल से संचालित बसों का संचालन किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक बसें डीजल बसों की तुलना में कम प्रदूषण करती हैं, जिससे शहर में हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इलेक्ट्रिक बसें शांत और आरामदायक होती हैं, जिससे यात्रियों को यात्रा का बेहतर अनुभव मिलेगा, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन डीजल बसों की तुलना में कम महंगा होता है, जिससे परिवहन लागत कम होगी। 50 इलेक्ट्रिक बसों के आने से शहर में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ेगी, जिससे लोगों को यात्रा करना आसान हो जाएगा।
परिक्षेत्र से संचालित होता सात डिपो
आजमगढ़ परिक्षेत्र से सात डिपो का संचालन होता है। जिसमें आजमगढ़, डा. अंबेडकरनगर, बलिया, बेल्थरा, दोहरीघाट, मऊ व शाहगंज शामिल है। इन डिपो से 547 बसों का परिचालन प्रतिदिन होता है। जिसमें से 467 बसे निगम की और 105 अनुबंधित बसें हैं। जो अलग-अलग रूटों पर संचालित हो रही हैं।
यहां से कानपुर, दिल्ली, गोरखपुर, दोहरीघाट, शाहगंज, जौनपुर, प्रयागराज, शाहगंज,फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी, बलिया, मऊ व गाजीपुर सहित अन्य जगहों के लिए बसों का संचालन होता है।
निगम की ओर द्वितीय चरण में 50 इलेक्ट्रिक बसें आने की बात हो रही है। इलेक्ट्रिक बसों को सिटी बस की तर्ज पर चलाया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसें डीजल बसों की तुलना में कम प्रदूषण करती हैं, जिससे शहर में हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- मनोज कुमार वाजपेयी, आरएम परिक्षेत्र आजमगढ़

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