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    आजमगढ़ में मुठभेड़ में मारे गये शंकर कन्‍नौज‍िया से पर‍िवार भी नहीं रखता था संबंध, जानें पार‍िवार‍ि‍क पृष्‍ठभूमि

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 11:35 AM (IST)

    आजमगढ़ में मुठभेड़ में मारा गया शंकर कन्नौजिया रौनापार का रहने वाला था। परिजनों के मुताबिक शंकर का परिवार से कोई संबंध नहीं था और वह अपराध की दुनिया में उतर गया था। 2011 में उसने लूट के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और 2024 में महाराजगंज में शैलेंद्र सिंह का अपहरण कर हत्या कर दी।

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    पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया था और आखिरकार मुठभेड़ में उसे मार गिराया।

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। मुठभेड़ में मारा गया इनामिया शंकर कन्‍नौजिया रौनापार थाना क्षेत्र के झगरगंज हाजीपुर का मूल निवासी था। शंकर कन्‍नौजिया तीन भाइयों में तीसरे नंबर पर था। शंकर का बड़ा भाई बलिराम परिवार सहित बाहर रहता है। वहीं पर दूसरे नंबर का भाई कन्हैयालाल का परिवार झगरगंज हाजीपुर में रहता है। शंकर कन्‍नौज‍िया की हरकतों की वजह से इसकी शादी के ल‍िए भी पर‍िजनों ने कोई पहल नहीं की।

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    पर‍िजनों के अनुसार पिता लालचंद और माता दुईजी देवी की पहले मौत हो चुकी है। जबक‍ि दो बहनों चनरमी व उर्मिला की शादी पहले ही हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया क‍ि कई वर्षों से यह अपने परिवार से कोई मतलब नहीं रखता था। रौनापार पुलिस ने सुबह शंकर कन्नौजिया की एनकाउंटर मे मारे जाने की सूचना परिवार को लोगों को दी गई तो पर‍िजन भी मौके पर पहुंच गए। 

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    शंकर कन्‍नौजिया का पर‍िवार से कोई संबंध नहीं था। वह पर‍िवार से अलग होने के बाद पूरी तरह से अपराध की दुन‍िया में अपना स‍िक्‍का जमाने के उतर गया। सबसे पहले शंकर ने अपने गिरोह के साथ वर्ष 2011 में दोहरीघाट क्षेत्र में लूट के दौरान विंध्याचल पांडेय नामक व्यक्ति की हत्याकर गला काटकर गायब कर दिया गया था। इस वारदात करने के बाद से ही शंकर तभी से फरार चल रहा था। फरारी के दौरान यह लगातार पूर्वांचल में कई जगहों पर लूट सह‍ित अन्‍य अपराधों को अंजाम देकर पुल‍िस की आंख में धूल झोंकता रहा। पर‍िवार से संबंध नहीं होने की वजह से पर‍ि‍वार के माध्‍यम से भी पुल‍िस को इसके न‍िवास और आने जाने की जानकारी नहीं हो पाती थी।

    पुलि‍स से चूहे ब‍ि‍ल्‍ली का खेल आख‍िरकार शन‍िवार की सुबह उसके ल‍िए काल बनकर आई और पुल‍िस ने उसे मुठभेड़ में ढ़ेर कर द‍िया। वर्ष 2024 में जुलाई माह में शंकन ने जनपद महाराजगंज निवासी शैलेंद्र सिंह का अपहरण कर उनकी लोडर गाड़ी को लूट लिया गया। लूटपाट के दौरान उनकी हत्या करने के बाद धड़ से सिर को गायब कर दिया गया था। इसके बाद से वह पुल‍िस के रडार पर आ गया था। इस वारदात के बाद ही पुल‍िस ने इसे खतरा मानते हुए इस पर एक लाख का पुरस्कार घोषित किया गया था। इसके बाद से ही पुल‍िस इसकी सुरागरसी में लगी हुई थी। 

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