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    पुल‍िस अध‍िकारी ने बताई चौंकाने वाली जानकारी, मौसम के अनुसार बदलता है साइबर ठगी का तरीका

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 12:42 PM (IST)

    आजमगढ़ में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं और ठगों ने ठगी के तरीकों को भी बदल दिया है। वे मौसम और लोगों की जरूरतों के अनुसार अपनी योजनाएं बनाते हैं। कभी लोन तो कभी क्रेडिट कार्ड के नाम पर लोगों को फंसाते हैं। पुलिस ने कुछ ठगों को गिरफ्तार भी किया है।

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    मौसम तय करता साइबर अपराधियों के ठगी का तरीका।

    सौरभ सिंह, जागरण, आजगमढ़। जैसे-जैसे डिजिटल लेनदेन बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे न सिर्फ साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं बल्कि मौसम में बदलाव के साथ इसके तौर तरीके भी बदलते हैं। मसलन त्योहार व लग्न के मौसम में ठग ई-कामर्स कंपनियों के हेल्पलाइन प्लेटफार्म पर अपना मोबाइल नंबर डालते हैं तो गर्मी में सस्ते दाम पर एसी, ट्रेवलिंग पैकेज का इनके पास खाका होता है। हर मौसम के आंकड़े इसके प्रमाण हैं।

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    साइबर अपराधी समय विशेष पर आम लोगों की जरूरतों के हिसाब से ठगी का बाकायदा कार्ययोजना तैयार करते हैं। साइबर ठग ठंड व त्योहार के मौसम में सस्ती दर पर लोन देने, क्रेडिट कार्ड बंद होने या नया क्रेडिट कार्ड लेने के नाम पर झटका देते हैं तो इस समय वह क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए लोगों को झांसे में लेकर वीडियो काल कर क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल कर ठगी कर रहे हैं। अगस्त से नवंबर के बीच ऋण देने, क्रेडिट स्कोर बढ़ाने इनवेस्ट के नाम पर ठगी करते हैं, वहीं दिसंबर से मार्च तक ई-कामर्स कंपनियों के साइट पर अपना नंबर डाल कर ठगी करते हैं। गर्मी के मौसम में ट्रेवलिंग पैकेज सहित अन्य के नाम पर ठगी करते हैं। पिछले 28 माह में जिले में 350 लोगों से डेढ़ करोड़ से अधिक की साइबर ठगी हो चुकी है।

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    जुलाई में पांच ठगों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

    पिछले माह कोतवाली थाना की पुलिस ने क्रेडिट कार्ड बेचने व रिन्यूअल करने के नाम पर साइबर ठगी करने के वाले पांच अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपितों के पास से दस लाख रुपये के 33 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 14 क्रेडिट व डेबिट कार्ड व एक कार बरामद किया था। आरोपितों ने बताया था कि वह पटना में रहने वाले साथियों के साथ टीम बनाकर लोगों को काल करके अपने आप को बैंक और क्रेडिट कार्ड का अधिकारी, कर्मचारी बता कर कार्ड के रिन्यूअल कराने, बंद होने, लिमिट बढ़ाने, रिवार्ड प्वाइंट को कैश करने के नाम पर झांसा देकर साइबर ठगी करते थे।

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    आनलाइन इनवेस्ट के नाम पर की ठगी

    जीयनपुर थाना में आठ अगस्त को पीड़ित राजकुमार भास्कर ने आनलाइन इनवेस्ट के नाम पर एक लाख रुपये के ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। साइबर अपराधियों ने अच्छा मुनाफा का लालच देकर अपने जाल में फंसाया था। रौनापार थाना में अगस्त माह में आनलाइन शेयर मार्केट में रुपये लगाने के नाम पर तीन लाख की ठगी का मामला रूपेश ने दर्ज कराया था। वहीं ई-कामर्स साइट से आनलाइन सामान खरीदने के नाम सरायमीर में 45 हजार रुपये की ठगी का मामला शिव सिंह ने दर्ज कराया था। गंभीरपुर में फ्लिपकार्ट से शादी का सामान खरीदने के नाम पर 45 हजार की ठगी हुई थी। 10 नवंबर 2024 को पीड़ित रागिनी कपूर ने 80 लाख रुपये लोन देने के नाम पर मामला दर्ज कराया था।

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    साइबर ठगों से ऐसे करें बचाव

    किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें, अंजान नंबरों से आए काल और मैसेज पर भरोसा नहीं करें। आनलाइन नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले उसका सत्यापन जरूर कर लें। रुपये दोगुना करने के किसी भी स्कीम के झांसे में आकर अपना ओटीपी या बैंक डिटेल न दें। फोन पर किसी भी तरह की धमकी से नहीं डरें, कोई बार-बार फोन करता है तो उसकी सूचना तुंरत स्थानीय पुलिस और 1930 पर दें। पुलिस, सीबीआई या इन्कम टैक्स का कोई भी अधिकारी कभी भी फोन धमकी देकर रुपये नहीं मांगता है।

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    बोले पुल‍िस अध‍िकारी

    साइबर अपराधी लोगों की जरूरतों, मजबूरियों को समझते हैं। इसके बाद उसी अनुरूप तरीका आजमाकर ठगी करते हैं। मौसम के मिजाज और आमजन की जरूरतों के अनुसार ठगी का तरीका बदलता रहता है।

    - चिराग जैन, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, आजमगढ़।

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