Updated: Tue, 09 Sep 2025 06:50 PM (IST)
बदायूं में पिछले साल हुए दोहरे हत्याकांड में अदालत ने माता-पिता और दादा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उन्होंने अपनी बेटी और उसके प्रेमी की फावड़े से काटकर हत्या कर दी थी क्योंकि उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था। इस मामले में दो नाबालिग भी शामिल थे जिनका मुकदमा किशोर न्यायालय बोर्ड में चल रहा है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जागरण संवाददाता, बदायूं। पिछले साल जनवरी में हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फराह मतलूब ने मां-बाप समेत दादा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उन्होंने अपने घर के सामने ही अपनी बेटी और उसके प्रेमी की फावड़े से काटकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में युवती के दो नाबालिग भाई भी शामिल थे। उनका मुकदमा किशोर न्यायालय बोर्ड में चल रहा है। सजा सुनाए जाने के बाद मां-बाप और दादा को जेल भेज दिया गया।
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बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव परौली निवासी सूरजपाल ने दो जनवरी 2024 को थाने आकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि सुबह चार बजे अचानक उन्होंने अपने घर के बाहर शोर शराबा सुना था। वह शोरगुल सुनकर घर के बाहर निकलकर आए तो देखा उसके पड़ोसी महेश, उसकी पत्नी भागवती, पिता रामऔतार और उसके दो नाबालिग बेटे अपने हाथों में लाठी-डंडा, फावड़ा लेकर अपनी 18 वर्षीय बेटी नीतू और मेरे 20 वर्षीय बेटे जयपाल उर्फ सचिन को मार रहे थे।
महेश के हाथ में फावड़ा था। वह दोनों की गर्दन पर ताबड़तोड़ वार कर रहा था, जिससे दोनों की गर्दन कटने से मृत्यु हो गई थी। इसके बावजूद वह उन्हें पीट रहे थे। यह देखकर जब उन्होंने शोर मचाया तो कोई भी व्यक्ति अपने घर से निकलकर बाहर नहीं आया। इससे वह भी डर गए और अपने घर में जाकर छिप गए। उन्होंने बताया कि नीतू और जयपाल का प्रेम प्रसंग चल रहा था। रात को नीतू उनके घर आ गई थी और जयपाल के साथ कहीं जाने वाली थी। आरोपितों का पूरा परिवार उन्हें ढूंढ रहा था।
सुबह चार बजे वह दोनों को घर से बाहर खींच लाए थे और उनकी हत्या कर दी थी। इसमें न्यायालय ने महेश पुत्र रामऔतार, रामऔतार पुत्र किशोरी लाल, भागवती पत्नी महेश निवासी पर जयपाल व नीतू की फावड़े से काटकर हत्या करने के आरोप का मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। अभियोजन पक्ष के अपर शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार गुप्ता और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने तीनों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उन पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना डाला है। इसमें शामिल दोनों नाबालिगों की पत्रावली किशोर न्यायालय बोर्ड में विचाराधीन है।
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