Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Badaun News: बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को 10 साल की सजा, न्यायाधीश ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 05:34 PM (IST)

    बदायूं में एक कलयुगी पिता को अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के आरोप में दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने दोषी पाए जाने पर यह फैसला सुनाया। आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है जो पीड़िता को दिया जाएगा। पुलिस ने 2022 में मामला दर्ज किया था जिसके बाद कोर्ट में सुनवाई हुई।

    Hero Image
    बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को दस साल की सजा।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, बदायूं। कलयुगी पिता द्वारा अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पाकसो एक्ट कक्ष-2 के न्यायाधीश नीरज कुमार गर्ग ने दोषी करार देते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। जुर्माने की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभियोजन पक्ष के अनुसार, सहसवान कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली एक महिला ने 31 जनवरी 2022 को पुलिस को शिकायती पत्र दिया था। जिसमें बताया था कि उसका पति कई महीनों से उसकी 14 वर्षीय बेटी के साथ जबरदस्ती, डरा धमका कर बुरा काम करता आ रहा है।

    31 जनवरी 2022 को दोपहर तीन बजे उसने देखा कि उसका पति उसकी बेटी को पकड़ कर जबरदस्ती कमरे में बंद करके उसके साथ बुरा काम कर रहा है। उसे उसे रंगे हाथों पकड़ा। उनकी बेटी ने बताया कि वह कक्षा सात में पढ़ती है। उसके पिता उसकी मां को पानी में नशे की दवाई दे देते थे और इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया करते थे। ऐसा करते हुए तीन माह बीत चुके थे।

    पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित पिता को जेल भेजा था। इसके बाद पुलिस ने मां-बेटी के बयानों और बेटी के मेडिकल रिपोर्ट को आधार बनाते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। इसके बाद से न्यायालय में आरोपित पिता के खिलाफ अपनी ही बेटी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। अभियाेजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र वर्मा व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के पश्चात आरोपित को दोषी पाते हुए दस साल की सजा सुनाई है।