जेल नहीं सुधार का रास्ता… 15 दिन सफाई कार्य से करेगा पश्चाताप, बुरी संगत में आकर किया था अपराध
बदायूं में मादक पदार्थ के साथ पकड़े गए किशोर को जेल भेजने के बजाय सुधार का मौका मिला है। किशोर न्याय बोर्ड ने उसे 15 दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई करने की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि बुरी संगत में फंसकर उसने अपराध किया लेकिन उसे जिम्मेदार नागरिक बनने का अवसर मिलना चाहिए।

जागरण संवाददाता, बदायूं। खराब संगत में फंसे किशोर ने गैरकानूनी काम किया, मगर उसका यह कदम भविष्य बर्बाद न कर दे, इसलिए सुधार का मौका मिला है। किशोर न्याय बोर्ड ने जेल भेजने के बजाय 15 दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई करने की सजा सुनाई। उसने कहा कि सरकारी अस्पताल में मरीजों, स्टाफ के बीच रहे।
जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण देते हुए सार्वजनिक स्थल को घर की तरह साफ करे। किशोर को 2023 में मादक पदार्थ के साथ पकड़ा गया था। उस समय उसकी उम्र 16 वर्ष थी। उसके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई शुरू हुई।
सोमवार दोपहर किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान मजिस्ट्रेट रोहिणी उपाध्याय, सदस्य प्रमिला गुप्ता और अरविंद गुप्ता की न्यायिक पीठ ने निर्णय सुनाते हुए मानवीय पहलू और सुधारात्मक दृष्टिकोण पर भी ध्यान दिया।
न्यायिक पीठ ने कहा कि नाबालिग लड़के ने अपराध किया, मगर उसे सुधार का अवसर मिलना चाहिए। वह सुधार करे तो इस पर विचार किया जा सकता है। किशोर ने माफी मांगी। इस पर पीठ ने कहा कि जीवन में अच्छे कार्य करो। जिम्मेदार नागरिक बनो।
एनडीपीएस एक्ट में सजा देने के बजाय 15 दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई करने का आदेश दिया जा रहा है। किसी भी बाल अपराधी को सुधार का मौका जरूर मिलना चाहिए।
वह भविष्य में अपराध से दूर रहकर समाज के लिए उपयोगी साबित हो। इसी सोच के अंतर्गत किशोर को सरकारी अस्पताल में सफाई का आदेश दिया जा रहा है। वह इसका पालन नहीं करता है तो सख्त सजा पर विचार किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।