Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Nepal Protest: …तो कांप जाती थी रूह, पशुपतिनाथ दर्शन करने नेपाल गई यूपी की इस महिला ने बताया आंखों देखा मंजर

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 04:33 PM (IST)

    बदायूं के 23 लोग नेपाल में पशुपतिनाथ के दर्शन करने गए थे जहाँ जेन-जी आंदोलन के कारण हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की जिससे होटल में फंसे लोग डर गए। जेल से भागे कैदियों ने स्थिति को और खराब कर दिया। होटल का स्टाफ भी चला गया जिसके बाद महिलाओं ने खुद खाना बनाया। अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और हालात सामान्य हो रहे हैं।

    Hero Image
    पशुपतिनाथ दर्शन करने नेपाल गई यूपी की महिला ने बताया आंखों देखा मंजर

    जागरण संवाददाता, बदायूं। पशुपतिनाथ के दर्शन करके होटल की तरफ बढ़ ही रहे थे कि तभी अचानक भीड़ हमारी तरफ आती दिखाई दी। जानकारी करने पर पता चला कि जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी हो रही है। किसी तरह अपने होटल पहुंचे। इसी बीच आंदोलन करने वालों ने हमारे सामने वाले हेरीटेज होटल में आग लगा दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भीड़ हमारे होटल की तरफ भी बढ़ रही थी, लेकिन उस समय स्थानीय लोगों ने उन्हें रोक दिया। भीड़ को अपने होटल की तरफ बढ़ते देख एक बार को लगा कि हम भी इस आंदोलन की आग की भेट चढ़ जाएंगे। महिलाएं बच्चे बुजुर्ग सब बुरी तरह से डरे हुए थे। हमारे होटल के पास में ही जेल भी थी। वहां से जो कैदी भाग रहे थे, वह इतना उपद्रव कर रहे थे कि हम सबकी रूह कांप रही थी।

    यह बातें नेपाल में फंसे बदायूं के कस्बा इस्लामनगर और बिसौली के 23 लोगों के ग्रुप में से मोनिका सक्सेना ने दैनिक जागरण को बताईं। उन्होंने बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर मदद मांगी थी। 

    होटल पहुंचते ही आने लगी खबरें

    भाजपा नेत्री मोनिका सक्सेना ने बताया कि वह सभी लोग एक साथ बदायूं से चले थे। वहां से दिल्ली पहुंचे और वहां से सात सितंबर को काठमांडू पहुंच गए थे। यहीं पर एक होटल लेकर ठहर गए थे। इसके बाद आठ सितंबर को सभी ने एक साथ दर्शन किए।

    मंदिर से बाहर निकल कर होटल की तरफ बढ़ ही रहे थे कि तभी नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध के साथ शुरू हुए जेन-जी आंदोलन में शामिल लोगों की आवाजें सुनाई देने लगी। आगे बढ़े तो देखा कि आंदोलनकारियों उग्र होकर तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे थे।

    मोनिका सक्सेना बताती हैं कि हम लोगों ने निर्णय लिया कि एक साथ होटल की तरफ दौड़ेंगे। बिना कहीं रुके सीधे होटल पहुंचे और वहां की स्टाफ की मदद से होटल बंद कर लिया। इसके बाद अंदर से ही सब कुछ देखते रहे। कई बार भीड़ होटल के तरफ बढ़ी।

    गनीमत रही कि वह वहां तोड़फोड़ और आगजनी नहीं कर सके। उस दिन से लेकर हम लोग टीवी पर ही सब कुछ देखते रहे। परिवार वालों को बता दिया था कि सुरक्षित है लेकिन कई बार ऐसी परिस्थिति बनी कि लगा कि अब कुछ भी हो सकता है। लेकिन पशुपतिनाथ ने हम सबकी रक्षा की।

    चला गया होटल का स्टाफ, किचन में खुद बनाया खाना

    मोनिका बताती हैं कि नौ सितंबर की रात को उनके होटल के किचन का सारा स्टाफ चला गया। खाने पीने का कोई साधन नहीं था। जब कुछ शांत हुआ तो किसी तरह से बाहर निकलकर खाने पीने की वस्तुएं हम लोगों ने एकत्र कर के रखीं। स्टाफ जाने के बाद वहां मैनेजर की मदद से हम सभी महिलाओं ने ही वहां किचन में जाकर खुद खाना बनाया और खुद खाया व सभी को खिलाया।

    जेल के कैदियों ने होटल में घुसकर लूटे स्टाफ के कपड़े

    इस्लामनगर के आढ़ती वीरेंद्र गुप्ता बाबी भी अपने परिवार के साथ नेपाल में ही है। वह भी उसी होटल में रुके हैं, जहां मोनिका सक्सेना समेत अन्य लोग थे। वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि विरोध प्रदर्शन देख काफी डरे हुए थे। बताया कि होटल के पड़ोस में ही जेल थी।

    जेल से कैदी भागे तो वह सीधे हमारे होटल में ही घुस आए थे। वह सभी कैदियों वाले कपड़े में थे। कैदियों ने होटल में घुस कर होटल के स्टाफ के कपड़े लूटने शुरू कर दिए। उन्होंने होटल के स्टाफ के पास जो कपड़े मिले सब लूट लिए। उस समय हम सब अपने कमरों को बंद कर एक साथ एक जगह छिप गए।

    चीख पुकार सुनकर जब आसपास के कई लोग आ गए और पुलिस भी पहुंच गई तब तक कैदी वहां से कपड़े बदल कर भाग चुके थे।

    अब सामान्य हो रहे हालात, सेना ने संभाला मोर्चा

    नेपाल में फंसे लोगों ने बताया कि बुधवार शाम से हालात संभलने लगे थे। वहां पर पुलिस के साथ सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। अब होटल के बाहर लगातार सेना के जवान और पुलिस गश्त कर रही है। आंदोलनकारी भी नजर नहीं आ रहे हैं। भारतीय दूतावास से बात होने के बाद हम लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

    परिवारों ने की पूजा अर्चना

    नेपाल में फंसे 23 लोगों के परिवार भी यहां चिंतित हैं। स्वजन के नेपाल में फंस जाने के बाद से वह लोग लगातार टीवी देख रहे हैं। सुबह शाम घर में पूजा अर्चना हो रही है। भगवान से कामना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द उनके परिवारीजनों को सुरक्षित उनके पास भेज दें।

    वहीं, सभी ने अपने अपने एक्स व इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर वीडियो डालकर प्रदेश व केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से स्वजन को सुरक्षित घर पहुंचाने की अपील की है।