सिर्फ 15% सवारी: मुख्यमंत्री की 'सेवा बसें' भारी घाटे में, डीजल खर्च भी नहीं निकल रहा!
बदायूं में मुख्यमंत्री जनता सेवा बसों का लोड फैक्टर ठीक नहीं आ रहा है, जिससे वे घाटे में चल रही हैं। मनौना धाम और रामनगर रूट की बसों में केवल 15% लोड ...और पढ़ें
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बदायूं बस अड्डे पर खड़ीं बसें
जागरण संवाददाता, बदायूं। डग्गामार वाहनों से सस्ते किराये पर चलाई गईं मुख्यमंत्री जनता सेवा बसों का भी लोड फैक्टर भी ठीक नहीं आ रहा है। दो रूट की बसों में लगातार 15 प्रतिशत लोड फैक्टर आ रहा है। इससे उनका ठीक से डीजल खर्चा भी नहीं निकल रहा है। अब दोनों रूट की बसों को बंद कराने की नौवत आ गई है।
इसको लेकर परिवहन निगम के अधिकारी भी काफी परेशान हैं। वह विचार में हैं कि कैसे उनका लोड फैक्टर बढ़ाया जाए। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है। परिवहन निगम की ओर से 15 दिन पहले मुख्यमंत्री जनता सेवा बसें संचालित कराई गई थीं।
इसके लिए पांच रूट निर्धारित किए गए थे और उन पर 10 रोडवेज बसें चलाई गई थीं। तीन रूट की बसों में लोड फैक्टर तो ठीक आ रहा है लेकिन दो रूट की बसों में लोड फैक्टर ठीक नहीं आ रहा। दोनों रूट की बसें घाटे में दौड़ रही हैं। परिवहन निगम के अनुसार शासन के आदेश पर बदायूं, सहसवान, भवानीपुर और चमरपुरा रूट पर चार रोडवेज बसें संचालित की गई हैं।
इसके अलावा बदायूं, बिसौली, चंदौसी और आसफपुर रूट पर तीन बसें संचालित कराई जा रही हैं। बदायूं, दातागंज, देवचरा रूट पर एक, बदायूं कुंवरगांव बनौना धाम पर एक और बदायूं आंवला रामनगर रूट पर एक बस संचालित की गई है। सहसवान, बिसौली और दातागंज इलाके में यात्री मिल रहे हैं लेकिन इतने यात्री नहीं मिल रहे, जिससे रोडवेज बसों से निगम को ज्यादा आमदनी हो सके।
इतना हो रहा है कि उनका डीजल खर्चा आराम से निकल रह है लेकिन जो बसें मनौना धाम और रामनगर के लिए चलाई गई हैं। उनमें नाममात्र को यात्री सफर कर रहे हैं। उनका लोड फैक्टर 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं आ रहा है। इससे दोनों बसों को लेकर परिवहन निगम के अधिकारी ज्यादा परेशान हैं। उनका कहना है कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी गई है। जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा।
पहले भी चलाई गई थीं बदायूं-आंवला रूट पर रोडवेज बसें
परिवहन निगम की ओर से दो बार बदायूं से आंवला के लिए रोडवेज बसें संचालित कराई जा चुकी हैं लेकिन वह रोडवेज बसें सफल नहीं रहीं। अभी एक साल पहले भी कुंवरगांव होते हुए आंवला के लिए रोडवेज बस शुरू की गई थी। यह बस करीब 15 दिन तक चली थी लेकिन उसके लिए यात्री ही नहीं मिले। उसके बाद बस को बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री जतना सेवा के रूप में बस तीसरी बार चलाई जा रही है। अबकी बार बस को और आगे बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद बस घाटे में चल रही हैं।
जो रोडवेज बसें मुख्यमंत्री जनता सेवा के रूप में चलाई गई हैं। उनमें तीन रूट की बसों में 50 प्रतिशत तक लोड फैक्टर आ रहा है लेकिन जो बसें मनौना धाम और रामनगर तक चलाई जा रही हैं। उनका लोड फैक्टर 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं आ रहा है। यानी उनका डीजल खर्चा भी नहीं निकल रहा है। इससे ज्यादा दिक्कत हो रही है।
- राजेश पाठक, एआरएम
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