Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    UP News: एसपी सूरज कुमार राय के एक्शन से मची खलबली, बागपत में रिश्वतखोर पुलिसकर्मी वेतन में कटौती की सजा!

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 03:41 PM (IST)

    बागपत के निवाड़ा चेक पोस्ट पर रिश्वत लेने के आरोप में दो कांस्टेबल दोषी पाए गए। विभागीय जांच के बाद एसपी सूरज कुमार राय ने दोनों की तैनाती तीन साल के लिए न्यूनतम वेतन पर कर दी है। राजेंद्र नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि कागजात गुम होने की बात कहने पर उनसे 1500 रुपये की रिश्वत ली गई थी जिसका वीडियो भी बनाया गया था।

    Hero Image
    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, बागपत। यूपी-हरियाणा बार्डर के निवाड़ा चेक पोस्ट पर चेकिंग के नाम पर 1500 रुपये की रिश्वत लेने के मामले की विभागीय जांच में दोनों कांस्टेबल भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए। एसपी सूरज कुमार राय ने उनकी तैनाती तीन साल के लिए न्यूनतम वेतन पर कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बागपत कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया था कि निवाड़ा चौकी पर तत्कालीन कांस्टेबल विनीत कुमार और राकेश कुमार की वर्ष 2002 में एक जून की रात 12 बजे से दो जून की सुबह आठ बजे तक ड्यूटी थी। सुबह करीब छह बजे राजेंद्र निवासी निकट प्राचीन शिव मंदिर माता कालोनी, बागपत अपने घर से सोनीपत कार से जा रहे थे।

    आरोप है कि सिपाहियों ने राजेंद्र की कार को रोककर कागजात तलब किए। राजेंद्र ने जानकारी दी कि कार के कागज गुम हो गए हैं। इसकी सूचना पूर्व में थाने को दी जा चुकी है। इस पर दोनों पुलिसकर्मी नहीं माने और कार को काफी देर तक वहां पर रोके रखा। बाद में राजेंद्र से 1500 रुपये की रिश्वत लेकर कार को छोड़ा।

    चेकिंग के नाम पर कार सवार से ली थी 1500 रुपये की रिश्वत

    राजेंद्र के साथी ने रुपये के लेनदेन का मोबाइल से वीडियो बना लिया था, जिसको निवाड़ा चौकी के तत्कालीन एसआइ रामकुमार को दिखाया गया था। वीडियो का अवलोकन करने पर घटना सही प्रतीत हुई थी। दोनों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था।

    रुपयों के लेनदेन की वीडियो बनाकर पुलिस को सौंपी थी

    तत्कालीन एसपी नीरज कुमार जादौन ने दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया था। मामले की जांच तत्कालीन सीओ हरीश भदौरिया को सौंपी गई थी। विभागीय जांच लंबी चली। एसपी को जांच रिपोर्ट सौंपी गई।

    एसपी का कहना है कि इस मामले में कांस्टेबल विनीत कुमार व राकेश कुमार विभागीय जांच में भ्रष्टाचार के दोषी मिले हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 14 (1) के तहत दोनों पुलिसकर्मियों की तैनाती तीन साल के लिए न्यूनतम वेतन पर की गई है।

    21,700 रुपये है कांस्टेबल का न्यूनतम वेतन

    पुलिस के मुताबिक यूपी पुलिस में कांस्टेबल का न्यूनतम वेतन 21,700 रुपये प्रतिमाह है। यह वेतन ही दोनों पुलिसकर्मियों को निर्धारित अवधि तक मिलेगा। इसमें कोई महंगाई भत्ता या अन्य किसी भी प्रकार की वृद्धि तीन वर्ष तक नहीं होगी।