बहराइच में मनरेगा में हुआ 3.41 लाख का फर्जी भुगतान, प्रधान-सचिव समेत तीन से होगी वसूली
बहराइच में मनरेगा कार्य में फर्जी अभिलेख लगाकर 3,41,785 रुपये की धांधली करने वाले तत्कालीन सचिव, तकनीकि सहायक और प्रधान से वसूली होगी। प्रत्येक से 1,1 ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बहराइच। मनरेगा के कार्य में फर्जी अभिलेख लगाकर 3,41,785 रुपये की धांधली करने वाले तत्कालीन सचिव, तकनीकि सहायक और प्रधान से वसूली होगी।
प्रत्येक से 1,13,928 रुपये के अनुपात में सरकारी धनराशि वापस ली जाएगी। वहीं खंड विकास अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई भी होगी। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा इन सभी पर कार्रवाई के लिए आदेश जारी करते हुए नोटिस भेजी गई है।
मामला विकास खंड जरवल का है। यहां के ग्राम पंचायत गंडारा में मनरेगा के तहत कई कार्य कराए जाने थे, लेकिन यहां तैनात तत्कालीन सचिव शिखा श्रीवास्तव, तत्कालीन तकनीकि अधिकारी व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता संजय कुमार और ग्राम प्रधान जैबुननिशा ने मिल कर फर्जी अभिलेख तैयार करते हुए कागज पर कार्य दिखा दिए थे।
इसकी शिकायत गांव के रामसेवक ने लोकपाल मनरेगा से की थी। जांच में धांधली की पुष्टि भी हुई थी। इस पर सीडीओ मुकेश चंद्र ने इन तीनों से 1,13,928 रुपये के अनुपात में बराबर की सरकारी धनराशि वसूल करने के आदेश जारी किए है। धांधली करने वाले तीनों दोषियों को नोटिस भेजी गई है। 15 दिनों में साक्ष्य के साथ अपना जवाब दाखिल करना है।
बीडीओ पर लटकी कार्रवाई की तलवार
खंड विकास अधिकारी जरवल आलोक वर्मा पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। इन्हें भी कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि कार्य स्थल पर बिना सिटिजन इन्फारमेशन बोर्ड (सीआइबी) लगाए पत्रावली पर कैसे भुगतान कर दिया गया। इन्हें भी 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर तत्कालीन सचिव, तत्कालीन तकनीकि अधिकारी व प्रधान से बराबर की वसूली की जाएगी। बीडीओ समेत सभी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। मनरेगा में 3.41 लाख रुपये का फर्जी तरीके से भुगतान किया गया था।
-चंद्रभान सिंह, डीपीआरओ, बहराइच

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