सन्नाटा चीरती रातों में पहरा दे रहे लोग, यूपी के इन 10 गांवों में आखिर किसका खौफ? काम नहीं आ रही कोई तरकीब
बहराइच में भेड़िए के आतंक से दस गांवों के लोग दहशत में हैं। पांच दिनों से वन विभाग भेड़िए को पकड़ने का प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। इस दौरान दो लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं। अधिकारी प्रभावित गांवों में गश्त कर रहे हैं पर ग्रामीण अभी भी भयभीत हैं।

जागरण संवाददाता, बहराइच। शाम पांच बजे के बाद सूरज के ढलते ही लोगों के घरों का दरवाजा भी बंद होने लगता है। सन्नाटा चीरती रातें और भेड़िए के खौफ में 10 गांवों के ग्रामीण चैन की नींद नही सो पा रहे हैं। पूरी रात वन विभाग की टीम के साथ रतजगा कर रहे हैं और भेड़िया पिंजड़े में कैद हो जाए, यह उम्मीद संजोय हुए है।
पांच दिन बीत जाने के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। अब तक दो लोगाें की माैत और पांच से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं। अब लोगों का वन विभाग के कार्रवाई से भी भरोसा उठ रहा है।
रविवार रात के घड़ी में 10 बज रहे थे। भेड़िया प्रभावित गांव में सीडीओ मुकेश चंद्र व डीएफओ रामसिंह यादव, रेंजर कैसरगंज ओंकार नाथ यादव व प्रमुख प्रतिनिधि मुन्ना सिंह घर-घर दस्तक देकर लोगों को घरों में ही रहने की अपील करते नजर आए।
अनुरागपुरवा, नंदवल, केशरवा बबुरी समेत अन्य गांवों में ग्रामीण व वन विभाग की टीम संयुक्त गश्त करती नजर आई। पूरी रात सर्च आपरेशन चला, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। हरिरामपुरवा, नरेश पुरवा, रामशब्द पुरवा, इच्छाराम पुरवा, शिलोचन पुरवा, हरिश्याम पुरवा, अनुराग पुरवा, गांधीगंज, मंझारा तौकली, नंदवल के केसरवा व बौडी के बोहरवा गांव के ग्रामीण दहशतजदा है।
काम नहीं आ रही कोई तरकीब
भेड़िए को पकड़ने के लिए तीन थर्मल ड्रोन आसमान में उड़ान भर रहे हैं। थर्मोसेंसर कैमरे व पिंजरे लगाए गए है। 94 वन रक्षक व मुख्य वन संरक्षक के साथ मंडल स्तरीय अधिकारी मौजूद है। बावजूद इसके कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
वन्यजीव को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। टीमेंं लगी हुई है। जल्द ही हमलावर वन्यजीव को पकड़ लिया जाएगा।
-रामजी यादव, डीएफओ
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