अतिरिक्त सिविल जज ने बीएसए कार्यालय कुर्क करने का दिया आदेश, 29 साल पुराने मामले में अदालत ने दिखाई सख्ती
बलिया में 29 साल पुराने वसूली मामले में अदालत ने सख्ती दिखाते हुए बीएसए कार्यालय कुर्क करने का आदेश दिया। दौलतपुर प्राथमिक विद्यालय के तीन शिक्षकों को 1982 में निकाला गया था, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट में शिकायत की। सुप्रीम कोर्ट ने 12 लाख से अधिक के भुगतान का आदेश दिया था, लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुई, जिसके बाद कोर्ट ने कुर्की का आदेश दिया।

विधि संवाददाता, बलिया। लगभग 29 साल पुराने वसूली के सिविल मामले में गत सोमवार सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सिविल जज (सीडी) फास्ट ट्रैक कोर्ट एसके गौड़ की न्यायालय ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए बीएसए कार्यालय कुर्क करने का आदेश पारित किया है।
यह आदेश याचिकर्ता नरही (दौलतपुर) प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक गण रहे सच्चितानंद, सौदागर यादव व राजनारायण राय के अधिवक्ता गोपाल राय के कुर्क करने के लिए दिए गए आवेदन पर पारित की गई है।
सन् 1982 में दौलतपुर प्राथमिक विद्यालय के तीन कर्मचारियों को प्रबंध समिति द्वारा निकाला गया था जिस पर याचिकार्ताओं द्वारा मूल वाद के रूप में अपनी शिकायत सिविल (जूडी) पूर्वी के न्यायालय में वाद दाखिल किए थे। इसके बाद 1996 के पूर्व तक यह मामला सेशंस कोर्ट, हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट तक चलता रहा।
अंत में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा भुगतान के लिए याचिकर्ता के पक्ष में आदेश पारित हुआ, जो 12 लाख 39 हजार 342 रुपए था। इसी के भुगतान के लिए याचिकर्ता द्वारा 1996 में वाद दाखिल किया, जिसमें एक बार नहीं, बल्कि लगभग चार-पांच बार न्यायालय ने बीएसए को भुगतान का आदेश दिया फिर भी सरकार की तरफ से पहल नहीं किया गया।

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