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    Ballia News: बल‍िया में गंगा और सरयू में बढ़ाव से फिर बने बाढ़ के हालत, सहमे तटवर्ती

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 03:31 PM (IST)

    बलिया में गंगा और सरयू नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुँचने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पहले ही फसलें नष्ट होने से किसान परेशान हैं और अब दोबारा बाढ़ आने से उन्हें और अधिक नुकसान की आशंका है। सुरेमनपुर दियरांचल में भी लोग चिंतित हैं क्योंकि खरीफ की फसल नष्ट हो चुकी है और पशुपालकों के सामने चारे की समस्या है।

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    बल‍िया में गंगा और सरयू में बढ़ाव से फिर बने बाढ़ के हालत।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, बलिया। जनपद में एक बार फिर सभी नदियों में बढ़ाव होने से कई क्षेत्रों मेें बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। हालांकि, अभी पानी गांवों में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन गंगा और सरयू का जल स्तर खतरा बिंदु के पास पहुंचने लगा है। सोमवार को गायघाट में गंगा का जलस्तर 57.420 मीटर पर दर्ज किया गया। यहां खतरा निशान 57.615 मीटर पर है।

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    सरयू का जलस्तर 64.07 मीटर पर दर्ज किया गया, खतरा निशान 64.010 मीटर पर है। पिछले बाढ़ से अभी लोग संभल भी नहीं पाए हैं, तब तक फिर से नदियाें में बढ़ाव से तटवर्ती लोगों की नींद उड़ गई है। किसानों की फसल नष्ट होने के बाद अब वह अगली फसल की तैयारी कर रहे थे, लेकिन दोबारा बढ़ाव से फिर से हजारों एकड़ खेत डूब जाएंगे। नदियों के तेवर से कई स्थानों पर कटान भी हो रहा है।

    सुरेमनपुर दियरांचल में बढ़ती जा रही चिंता

    बैरिया (बलिया): सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि से सुरेमनपुर दियरांचाल की लगभग 30 हजार की आबादी नींद उड़ गई है। पिछले बाढ़ के बाद लोग अब अपने घरों के बिखरे सामान को ठीक कर रहे थे, तब तक दोबारा पानी पेटे से बाहर आने लगा है। शिवाल मठिया, गोपालनगर टाड़ी, गोपालनगर, वशिष्ठनगर, मानगढ़ से लेकर टोला फतेहराय तक खरीफ की फसल लगभग नष्ट हो चुकी है पशुपालकों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या पशु चारा को लेकर है। अगर दोबारा बाढ़ से यह क्षेत्र प्रभावित होता है तो पशुपालकों को भारी संकट का सामना करना पड़ेगा।

    शिवाल मठिया के प्रधान परमात्मा गोंड़ ने बताया कि अभी गांवों में पानी प्रवेश नहीं किया है, लेकिन खेतों की ओर पानी का फैलाव होने लगा है। गोपालनगर टाड़ी गणेश यादव अशोक यादव, संजय यादव, रमेश यादव, वशिष्ठनगर के संजय सिंह ने बताया कि बाढ़ को लेकर अब प्रशासन के लोगों की सक्रियता कम हो चली है। दोबारा बाढ़ आने पर काफी परेशानी होगी।

    उप जिलाधिकारी बैरिया आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि पानी का बढ़ाव होने पर संबंधित गांवों में लेखपालों की ड्यूटी लगा दी गई है। बाढ़ की स्थिति के अनुसार की निर्णय लिया जाएगा।

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