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    Ballia News: डीएम का जाली हस्ताक्षर बनाकर बना लिए थे प्रमाण पत्र, 11 अभ्यर्थियों पर मुकदमा

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 09:33 PM (IST)

    स्वतंत्रता सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है जिसमें NEET काउंसलिंग के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने का प्रयास किया गया। जिलाधिकारी के आदेश पर 11 उम्मीदवारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने जाली हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र का उपयोग किया था। जांच से पता चला कि उम्मीदवार और कथित स्वतंत्रता सेनानी दोनों ही नकली थे।

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    डीएम का जाली हस्ताक्षर बनाकर बना लिए थे प्रमाणपत्र, 11 अभ्यर्थियों पर मुकदमा।

    जागरण संवाददाता, बलिया। स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित प्रमाणपत्र भी फर्जीवाड़ा कर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की काउंसिलिंग शामिल होकर मेडिकल में प्रवेश कराने का मंसूबा सफल नहीं हो सका।

    जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के निर्देश पर तहसीलदार सदर अतुल हर्ष ने 11 अभ्यर्थियों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराई है। आरोपितों ने फर्जी तरीके से जिलाधिकारी का हस्ताक्षर बनाकर प्रमाण पत्र जारी कराया है।जांच में अभ्यर्थी और सेनानी सभी फर्जी पाए गए। डीएम ने इसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी है।

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    मेडिकल में प्रवेश के लिए फरवरी में नीट की परीक्षा कराई गई थी। इसके पश्चात प्रदेश स्तर पर काउंसिलिंग कराई गई थी। काउंसिंलिग के समय कोटा का लाभ लेने के लिए जालसाजों ने स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित बनकर प्रमाणपत्र बनवा लिया था।

    निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा.किंजल वर्मा की ओर से 12 चयनित अभ्यर्थियों का सत्यापन कराने के लिए सूची जिलाधिकारी को भेजी गई थी। जिलाधिकारी ने इसकी जांच अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार और उप जिलाधिकारी सदर तिमराज सिंह से कराई।

    जांच में दिव्यांशी भाष्कर निवासी कारो, रिया देव निवासी शाहापुर, विभा कुमारी निवासी फिरोजपुर, निखिल कुमार सिन्हा निवासी फिरोजपुर, वर्षा रानी निवासी बढ़वलिया, हर्षिता रंजन निवासी जवाहरनगर चितबड़ागांव, सुमित कुमार निवासी बीबीपुर, ख्याति गुप्ता निवासी नगवा गाई, विवेक ठाकुर निवासी पखनपुरा, आशुतोष कुमार निवासी फिरोजपुर और यशराज निवासी बढ़वालिया फर्जी पाए गए। इस नाम का कोई भी व्यक्ति गांव में नहीं मिला।

    अपर जिलाधिकारी ने बताया कि सेनानियों के संबंध में ट्रेजरी से भी रिपोर्ट मांगा गया तो आरोपित जिसका आश्रित बने थे उस नाम का कोई सेनानी भी नहीं मिला। मेडिकल में प्रवेश कराने के लिए कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है। जिलाधिकारी के निर्देश पर 11 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

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