Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश के पहले ऐसे नेता जो सीधे बने PM, बलिया उतरते ही छलक पड़े थे चंद्रशेखर के आंसू; पसर गया था अजीब सा सन्नाटा

    By Abhishek PandeyEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Sat, 08 Jul 2023 12:50 PM (IST)

    Chandra Shekhar Death Anniversary उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जन्में देश के 9वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का आज 8 जुलाई को पुण्यतिथि है। युवा तुर्क के नाम से मशहूर चंद्रशेखर देश के पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने सांसद से सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। चंद्रशेखर कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे। चंद्रशेखर का बलिया से खास लगाव था जानते हैं उनका बलिया से जुड़ा खास किस्सा...

    Hero Image
    देश के पहले ऐसे नेता जो सीधे बने PM, बलिया उतरते ही छलक पड़े थे चंद्रशेखर के आंसू

    जागरण संवाददाता, बलिया : (Chandra Shekhar Death Anniversary) युवा तुर्क के नाम से मशहूर रहे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की आठ जुलाई को पुण्यतिथि है। चंद्रशेखर से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिन्हें आज भी सुना-सुनाया जाता है।

    बलिया के इब्राहिमपट्टी में 17 अप्रैल 1927 को जन्म लिए चंद्रशेखर ने वर्ष 2007 में आज ही के दिन अंतिम सांसें ली थीं। वह पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने सीधे प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। चंद्रशेखर अंतिम बार 2006 में बलिया आए थे। बलिया के लोग आज भी उनके उस मानवीय पक्ष को याद कर भावुक हो जाते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बलिया पहुंचते ही रो पड़े थे चंद्रशेखर

    आज शनिवार को 14वीं पुण्यतिथि पर चंद्रशेखर के किरदार को सभी याद कर रहे हैं। बात 10 अक्टूबर 2006 की है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर आखिरी बार बलिया आए थे। उन्हें बलिया की मिट्टी से कितना लगाव था इसका उदाहरण भी वह अंतिम यात्रा ही थी। अस्वस्थ हाल में ही उन्होंने दिल्ली से बलिया आने का मन बना लिया था।

    स्टेशन परिसर भीड़ से खचाखच भरा था। दो घंटे के इंतजार के बाद स्वतंत्रता सेनानी ट्रेन स्टेशन पहुंची। हजारों की भीड़ ट्रेन के उस डिब्बे की ओर बढ़ चली, जिसमें चंद्रशेखर सवार थे। चंद्रशेखर धीरे-धीरे गेट पर आए और भीड़ को देख ट्रेन के गेट पर ही फफक-फफक कर रो पड़े। कुछ देर के लिए वहां अजीब सा सन्नाटा पसर गया। सबकी आंखें द्रवित हो गईं थीं।

    वह ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने युवा साथियों के माध्यम से देश को समाजवादी दिशा में ले जाने का प्रयास किया। देश को उबारने के लिहाज से जयप्रकाश नारायण के साथ आकर खड़े हो गए। इसकी कीमत उन्हें जेल में नजरबंदी के रूप में चुकानी पड़ी। इसके बावजूद भी वे झुके नहीं बल्कि समाजवाद के प्रति उनकी धारणा और बढ़ गई।

    कैसे बने प्रधानमंत्री

    इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा में 400 से अधिक सीटें जीती थी। लेकिन राजीव गांधी सरकार पर लगे बोफोर्स घोटाले के आरोपों के बाद 1989 के चुनावों में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और जनता दल की सरकार बनी।

    एक वर्ष के अंतराल में ही भाजपा के समर्थन वापस लेने के कारण वीपी सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई और उनकी पार्टी के 64 सांसद अलग हो गए। कांग्रेस के समर्थन से चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बन गए। 3 महीने के बाद ही कांग्रेस ने राजीव की जासूसी कराने के आरोप में चंद्रशेखर की पार्टी से समर्थन वापस ले लिया। आदर्शवादी नेता के रूप में पहचान वाले चंद्रेखर 21 जून 1991 को इस्तीफा देना पड़ा।