नौकरी का झांसा देकर एक लाख की ठगी करने वाला जूनियर क्लर्क गिरफ्तार, थमाया था फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
एक जूनियर क्लर्क को नौकरी का झांसा देकर एक लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसने पीड़ित को एक फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, बलरामपुर। महिला कल्याण विभाग के चाइल्डलाइन में नौकरी का झांसा देकर एक लाख रुपये ऐंठने वाले विकास भवन के कनिष्ठ लिपिक को देहात कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपित लिपिक अमित कुमार (बड़े बाबू) ग्राम मनियर (हालपता आवास विकास कालोनी पानी टंकी के पास) जिला बलिया का निवासी है। वर्तमान में महिला कल्याण विभाग के किशोर न्याय बोर्ड में तैनात था। ठगी के गिरोह में शामिल आरोपित महादेव घुरहू थाना इटवा जनपद सिद्धार्थनगर निवासी संतोष कुमार को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।
क्षेत्राधिकारी ललिया जितेंद्र कुमार ने बताया कि पचपेड़वा के ईसीसी मिशन स्कूल रोड निवासी आकाश कुमार गुप्त ने बीत सात नवंबर को देहात कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि संतोष कुमार व अमित कुमार ने एक लाख रुपये लेकर नौकरी का झांसा दिया।
दिया था फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
इसके बाद महिला कल्याण विभाग के चाइल्डलाइन के तहत केस वर्कर की फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दे दिया। दो माह बाद वेतन मांगा तो बड़े बाबू अमित कुमार ने जान से मारने की धमकी दी। पहले वह डर गया।
इसके बाद पुन: सामना करने का साहस किया, तो राजू श्रीवास्तव ने कुछ दलालों के माध्यम से धमकी दी। साथ ही पत्थर फेंक कर मारा। प्रभारी निरीक्षक गिरजेश कुमार तिवारी ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की। आठ नवंबर को संतोष कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। 22 नवंबर को देहात कोतवाली के उपनिरीक्षक अमित चौहान और उपनिरीक्षक अनूप कुमार सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि कथित बड़े बाबू अमित कुमार नीलकोठी के पास सड़क पर मौजूद है। पुलिस टीम ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया।
बेरोजगारों को गुमराह करते थे ठगी
पूछताछ के दौरान अमित कुमार ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसकी तैनाती विकास भवन बलरामपुर में कनिष्ठ सहायक के रूप में है। किशोर न्याय बोर्ड में संबद्ध रहते हुए उसकी मुलाकात राजीव श्रीवास्तव से हुई। राजीव ने ही उसे संतोष कुमार से मिलवाया।
तीनों मिलकर बेरोजगारों को चाइल्डलाइन में नौकरी का झांसा देते थे। फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर मोटी रकम वसूलते और उसे बराबर बांट लेते थे। आकाश गुप्त से भी इन लोगों ने मिलकर एक लाख रुपये लिए थे।

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