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    बांदा में दुष्कर्म के बाद बच्ची की मौत के आरोपित के घर चला बुलडोजर, पिता बोले-कलेजे को मिली ठंडक

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 08:48 PM (IST)

    बांदा जिले के चिल्ला थाना क्षेत्र में दुष्कर्म के बाद बच्ची की मौत के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपित सुनील निषाद के मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। सामान को पड़ोसियों के घर में रखवाया गया। सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। परिवार ने आरोपित को फांसी की सजा देने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो।

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    दुष्कर्म आरोपित के घर का सामान हटवाने के बाद बुलडोजर से ढहाया भवन

    संवाद सहयोगी जागरण, पैलानी(बांदा)। दुष्कर्म के बाद बच्ची की मौत के मामले में प्रशासन ने आरोपित के मकान को बुलडोजर से ढहा दिया। इसके पहले आरोपित के मकान में रखा सामान गिनती कराकर पड़ोसियों के घर में रखवाया गया। पूरी प्रक्रिया करीब नौ घंटे तक चलती रही। आरोपित के मकान में किसी के न होने से अधिकारियों को वहां लगा ताला तोड़कर कार्रवाई करनी पड़ी। मौके पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी के साथ सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल मौजूद रहा। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लगी रही है।

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    चिल्ला थाना के एक गांव में तीन जून 2025 की शाम तीन वर्षीय बच्ची के साथ पड़ोसी सुनील निषाद ने चाकलेट खिलाने के बहाने अपने घर बुलाकर दुष्कर्म किया था। बच्ची के बेहोश होने पर आरोपित उसे मृत समझकर बर्फ रखने की नीले रंग की थर्माकोल की पेटी में भरकर साइकिल से जंगल में फेंक आया था। उधर जब काफी देर तक मासूम नहीं दिखी थी तो स्वजन ने उसकी खोजबीन शुरू की थी। बाद में शक के आधार पर आरोपित को पकड़कर पूछताछ करने में बच्ची के जंगल में पड़े होने की जानकारी हुई थी।

    बच्ची को रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। जहां से बाद में कानपुर एलएलआर अस्पताल बच्ची को रेफर किया गया था। जहां बाद में बच्ची की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले में चोट मिलने के साथ पेशाब नली फटने से लैट्रिन की नली से मिलने व संक्रमण फैलने पाया गया था। उधर घटना के बाद एसपी पलाश बंसल के निर्देश पर आरोपित को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

    डीएम जे.रीभा ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते हुए आरोपित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराने का भरोसा दिलाया था। जिसके बाद आरोपित के मकान को ढहाने के लिए नोटिस देते हुए तहसील न्यायालय में मामला चलता रहा है। आरोपित के स्वजन से उसमें जवाब मांगा गया था। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने पर मकान ढहाने बेदखली की आखिरी नोटिस चार अगस्त को मकान में चस्पा कराई गई थी। आरोपित के स्वजन की ओर से सही जवाब न देने पर मकान ढहाने की प्रकिया सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू की गई।

    नायब तहसीलदार जसपुरा वेद प्रकाश, लेखपाल हरि ओम व समेत कई अन्य लेखपालों की उपस्थिति में आरोपित के मकान में लगे ताले को तोड़ा गया। बाद में मकान के अंदर रखे सामान की गिनती करने के साथ उसे कुर्क कराकर तीन ट्रैक्टरों में भरवाया गया। सुबह करीब 11 बजे तक बुलडोजर मंगवा लिया गया। मकान में रखा सामान गिनवाकर हटवाने की कार्रवाई ढाई बजे तक चलती रही।

    एसडीएम अंकित वर्मा व सीओ सदर अजय कुमार सिंह की मौजूदगी में साढ़े तीन बजे बुलडोजर से पक्के मकान को ढहाने का कार्य शुरू किया गया। जो कि देरशाम तक प्रकिया चलती रही है। इस मौके पर तहसीलदार पैलानी राधेश्याम सिंह व थाना प्रभारी चिल्ला संदीप तिवारी समेत भारी पुलिस बल मौके पर उपस्थित रहा है। एसडीएम ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध बेदखली की कार्रवाई के चलते मकान ढहाया गया है। इससे संबंधित आगे की अन्य प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

    दिवंगत हुई बच्ची के स्वजन के कलेजे को मिली ठंडक, मिला न्याय

    दिवंगत हुई बच्ची के स्वजन ने घटना के बाद आरोपित व उसके परिवार को गांव से बेदखल किए जाने की मांग अधिकारियों से मांग की थी। घटना को लेकर स्वजन अभी भी दुख से नहीं उबर पाए हैं। लेकिन तीन माह में आरोपित का मकान ढहाए जाने से पीड़ित परिवार को कलेजे की ठंडक मिली है। उनका कहना है कि प्राथमिक तौर पर उन्हें अभी न्याय मिला है। आरोपित को अभी आगे फांसी की सजा दी जाए। जिससे दोबारा कोई इस तरह का घिनौना अपराध न करें।

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