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    यूपी के इस जिले में पुलिस प्रशासन का बड़ा फैसला, हर थाने में साइबर सेल, पीड़ित को नहीं लगाने होंगे चक्कर

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 08:26 PM (IST)

    बांदा जिले के हर थाने में साइबर सेल खुलने से साइबर अपराधों पर लगाम लगेगी। पीड़ितों को थाने में ही रिपोर्ट दर्ज कराने की सुविधा मिलेगी जिससे उन्हें जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रत्येक सेल में एसआई कंप्यूटर ऑपरेटर व महिला सिपाही की तैनाती होगी। बीते साल साइबर अपराध के 1065 मामले दर्ज हुए थे जिनमें ऑनलाइन ठगी प्रमुख है।

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    थाने पर ही दर्ज होंगे साइबर अपराधों के मुकदमे।

    जागरण संवाददाता, बांदा। जिले में बढ़ते साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए पुलिस प्रशासन ने बड़ी पहल की है। अब जिले के प्रत्येक थाने में साइबर सेल की स्थापना की जा चुकी है। इससे आम नागरिकों को थाने के स्तर पर ही साइबर अपराध से जुड़े मामलों की रिपोर्ट दर्ज कराने की सुविधा मिलेगी। पहले पीड़ितों को ऐसे मामलों में जिला मुख्यालय तक चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद उन्हें यह सुविधा नजदीक ही उपलब्ध हो सकेगी।

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    प्रत्येक साइबर सेल में एक उपनिरीक्षक (एसआई), एक कंप्यूटर आपरेटर और एक महिला सिपाही की तैनाती की गई है। यह टीम थाने में साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज करने से लेकर उनकी विवेचना और त्वरित कार्रवाई तक की जिम्मेदारी संभालेगी। इससे खास तौर पर महिलाओं और बुजुर्गों को काफी राहत मिलेगी, जिन्हें आनलाइन ठगी, सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा या अन्य डिजिटल अपराधों से परेशान होना पड़ता है।

    बीते एक साल के दौरान जिले में साइबर अपराध के तहत 1065 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से 900 मामले आनलाइन ठगी, फर्जी काल, इंटरनेट मीडिया हैकिंग और बैंकिंग धोखाधड़ी जैसे अपराधों से जुड़े हैं, जबकि 165 मामले आफ-लाइन साइबर अपराधों के हैं। आंकड़े साफ बताते हैं कि आन-लाइन ठगी का दायरा लगातार बढ़ रहा है और अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं।

    अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज का कहना है कि थानों पर साइबर सेल शुरू होने से अपराधों पर अंकुश लगेगा और पीड़ितों को समय से न्याय मिल सकेगा। साथ ही, साइबर टीम को आधुनिक तकनीकी साधनों से लैस किया जा रहा है ताकि वे अपराधियों को आसानी से पकड़ सकें। प्रशासन का मानना है कि नई व्यवस्था से साइबर अपराधों की रोकथाम के साथ-साथ लोगों में जागरूकता भी बढ़ेगी। एएसपी शिवराज ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध काल, मैसेज या आनलाइन लेन-देन को लेकर तुरंत थाने के साइबर

    450 पुलिसकर्मी हुए प्रशिक्षित, डिजिटल जांच के गुर सिखाए गए

    अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने बताया कि जिले के 450 पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देकर साइबर सेल की व्यवस्था को प्रभावी बनाया गया है। प्रशिक्षण में पुलिसकर्मियों को आनलाइन ठगी की पहचान, बैंकिंग व ओटीपी फ्राड की जांच, सोशल मीडिया अपराधों की ट्रैकिंग, डिजिटल साक्ष्य एकत्र करना, फर्जी काल सेंटरों का खुलासा, साइबर अपराधियों की लोकेशन ट्रेस करना और आधुनिक तकनीकी टूल्स के इस्तेमाल की बारीकियां सिखाई गईं। साथ ही उन्हें पीड़ितों की त्वरित मदद करने और शिकायत दर्ज करने की मानक प्रक्रिया भी समझाई गई है, ताकि हर थाने का साइबर सेल समयबद्ध और पारदर्शी कार्रवाई कर सके।

    जागरूकता और त्वरित कार्रवाई पर जोर

    एएसपी शिवराज के मुताबिक थानों पर साइबर सेल शुरू होने से पीड़ितों को समय से न्याय मिलेगा और अपराधियों पर भी अंकुश लगेगा। साथ ही टीम को आधुनिक तकनीकी साधनों से लैस किया जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल अपराधों की रोकथाम होगी बल्कि लोगों में साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी।

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    नागरिकों से अपील

    आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध काल, मैसेज या आनलाइन लेन-देन की जानकारी तुरंत थाने के साइबर सेल को दें। समय पर दी गई सूचना अपराधियों को पकड़ने और बड़े नुकसान से बचाने में मददगार साबित होगी।

    शिवराज, अपर पुलिस अधीक्षक