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    बुंदेलखंड का पहला सांइस पार्क जल्द होगा विकसित, UP विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद लखनऊ की सहमति 

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 05:58 PM (IST)

    बुंदेलखंड में पहला साइंस पार्क जल्द ही विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद लखनऊ ने इस परियोजना को सहमति दे दी है। यह पार्क बुंदेलखंड क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देगा और युवाओं को विज्ञान के प्रति आकर्षित करेगा। लखनऊ परिषद इस परियोजना में पूर्ण समर्थन देगा।

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    नरैनी रोड स्थित कांशीराम पार्क। जागरण आकाईव 

    जागरण संवाददाता, बांदा। करोड़ों रुपये की लागत से डेढ़ दशक पहले नरैनी रोड में 17 एकड़ में बने कांशीराम स्मृति उपवन के दिन बहुरने वाले हैं। पांच वर्ष पहले इसे सांइस पार्क के रूप में विकसित करने की डीएम की कवायद अब रंग लाने वाली है। बांदा विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की सहमति के बाद वहां की टीम ने भूमि अधिग्रहण कर डीपीआर आदि तैयार को लेकर कांशीराम उपवन का भ्रमण किया। यह टीम ने उपवन के सात एकड़ भूमि पर साइंस पार्क विकसित करेगी। यह बुंदेलखंड का पहला साइंस पार्क होगा।

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    नगर के नरैनी रोड में वर्ष 2006 में दस करोड़ रुपये की लागत से 17 एकड़ क्षेत्रफल में कांशीराम स्मृति उपवन का निर्माण हुआ था। बसपा सरकार की इस सौगात काे भाजपा शासन काल में अभी तक बदहाली का दंश झेलना पड़ा, लेकिन अब इसके भी दिन बहुरने वाले हैं। वर्ष 2019 के तत्कालीन जिलाधिकारी हीरालाल की कवायद पर कांशीराम स्मृति उपवन को साइंस पार्क के रूप में विकसित किए जाने को लेकर बीडीए ने प्रस्ताव बनाकर को शासन व निदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, लखनऊ को भेजा था।

    वर्ष 2024 में लखनऊ की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद टीम ने इसे विकसित करने को लेकर उपवन का स्थलीय निरीक्षण किया था। बीडीए को साइंस पार्क विकसित करने की सहमति आदि का इंतजार था। जिसमें सोमवार को लखनऊ से आई दो सदस्यीय टीम ने कांशीराम उपवन का भ्रमण किया। जिसमें उपवन के 17 एकड़ क्षेत्रफल में से सात एकड़ क्षेत्रफल में साइंस पार्क विकसित किए जाने को लेकर जमीन देखी।

    वर्ष 2006 में निर्माणाधीन उपवन जनता के लिए कभी नहीं खुला

    शहर के नरैनी रोड में वर्ष 2006 में दस करोड़ रुपये की लागत से 17 एकड़ क्षेत्रफल में कांशीराम स्मृति उपवन का निर्माण हुआ था। जिसमें 12 फिट ऊंची कांस्य की कांशीराम की मूर्ति स्थापित की गई। पार्क में लखनऊ से मंगवा कर बच्चों के मनोरंजन के लिए एक से बढ़कर एक झूले लगाए गए लेकिन कभी जनता के लिए नहीं खुला, निर्माणाधीन हालात में ही वह खंडहर होने लगा। लगे झूले आदि चोरी कर लिए गये। पार्क में चारों तरफ झाड़ियां उग आई हैं। उपवन जंगल में तब्दील हो गया है। यहां सुबह से शाम तक अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। पार्क में लाेगों के लिए विकसित किए गये बैठने के स्थान, लाइटें, बच्चों व दिव्यांगों के रैंप, बच्चों के झूले व खेल कूद स्थल, बैठने को बेंच, योगा स्थल, पाथ-वे लाइट्स व एलईडी हाईमास्ट, वाटर कूलर अब नहीं बचा है।

    पार्क की स्थिति पर एक नजर

    • पार्क का नाम : कांशीराम उपवन
    • नोडल : बीडीए
    • लागत मूल्य : 10 करोड़ रुपये
    • निर्माण वर्ष : 2006
    • क्षेत्रफल : 81485 वर्ग मीटर
    • न्यू प्रोजेक्ट : साइंस पार्क



    कांशीराम स्मृति उपवन को साइंस पार्क के रूप में विकसित किया जाना है। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, लखनऊ की सहमति मिल गई है। टीम ने उपवन का भ्रमण कर जमीन आदि को देखा है। सात एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया आना है।
    आरपी यादव, अधिशाषी अभियंता, बीडीए